Shani Jayanti 2022: 30 साल बाद बन रहा अदभुत संयोग, काले तिल और तेल का दान करने से दूर होगी साढ़ेसाती और ढय्या
Shani Jayanti 2022: आज सोमवार, 30 मई 2022 को ज्येष्ठ माह की अमावस्या है, इसी तिथि पर शनि जयंती उत्सव भी मनाया जाएगा। बता दें कि इस समय शनि ग्रह कुंभ राशि में विद्यमान है।
Shani Jayanti 2022: आज सोमवार, 30 मई 2022 को ज्येष्ठ माह की अमावस्या है, इसी तिथि पर शनि जयंती उत्सव भी मनाया जाएगा। बता दें कि इस समय शनि ग्रह कुंभ राशि में विद्यमान है। गौरतलब है कि कुंभ राशि शनि के स्वामित्व वाली राशि मानी जाती है। उल्लेखनीय है कि साल 2022 से पहले कुंभ राशि में शनि और सोमवार के योग में शनि जयंती साल 1995 में 29 मई को मनाई गयी थी।
इसलिए लगभग 27 साल बाद शनि जयंती पर कुंभ राशि में शनि और सोमवार का शुभ योग आज बन रहा है। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज काले तिल और तेल का दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट कट जाएंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि में शनि बेहद बलवान रहता है। गौरतलब है कि शनि सूर्य के पुत्र हैं। इसलिए सूर्य की पत्नि छाया के पुत्र होने के कारण इनका रंग काला है। उल्लेखनीय है कि शनि देव हमेशा ही नीले वस्त्र धारण करते है। जानकारी हो कि मनु, यमराज इनके भाई हैं जबकि यमुना जी इनकी बहन हैं।
क्या है शनि की साढ़ेसाती और ढय्या?
बता दें कि शनि सूर्य से सदा शत्रुता रखते हैं। जबकि बुध, शुक्र शनि के मित्र हैं। इसके अलावा गुरु सम है और चंद्र-मंगल भी शत्रु हैं। गौरतलब है कि शनि तुला राशि में उच्च स्थान पर रहता है जबकि मेष राशि में नीच का होता है। उल्लेखनीय है कि मकर-कुंभ राशि का शनि स्वामी है।
बता दें कि शनि जिस राशि में रहता है, उस राशि पर, उसके आगे और पीछे वाली राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहती है। अभी शनि कुंभ राशि में विद्यमान है तो कुंभ से उसके पीछे की मकर और कुंभ से आगे की मीन राशि में साढ़ेसाती चल रही है। इसके अलावा शनि जिस राशि में है, वहां से षष्ठम राशि और दसवीं राशि में शनि का ढय्या रहती है। उल्लेखनीय है कि इस समय कर्क और वृश्चिक राशि में शनि का ढय्या चल रही है।
इन राशियों पर चल रही साढ़ेसाती व ढैय्या-
तत्काल समय में शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं। ऐसे में कुंभ, मीन व मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ा हुआ है। इसके अलावा कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। लेकिन आज 30 मई 2022 दिन सोमवार को शनि जयंती पर शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान होंगे। ग्रहों की ऐसी अद्भुत स्थिति लगभग 30 साल बाद बन रही है। ऐसे में भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय करके कई गुना फल प्राप्त कर सकते हैं।
शनि जयंती के दिन करने वाले कुछ खास उपाय:
- शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा करते समय 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का जाप व शनि चालीसा का पाठ अवश्य करें।
- शनि जयंती के दिन छाया दान करना अति लाभकारी माना गया है। इस दिन कांसे के कटोरे में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें। उसके बाद कटोरे सहित इसे किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें। या फिर शनि मंदिर में रख दें।
- शनि जयंती के दिन किसी शनि मंदिर में जाकर पूजा करने के बाद शनिदेव को सरसों का तेल, काला तिल व काला उड़द अर्पित करें।
- शनि जयंती के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को अपनी सामर्थ्य अनुसार मदद अवश्य करें।
- शनि जयंती के दिन पैसे, काले कपड़े, तेल, भोजन, तिल और उड़द आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
- शनि देव की प्रसन्नता के लिए गरीबों को अन्न, कपड़े, जूते-चप्पल, तेल, उड़द, काले तिल, लोहा के बर्तन, काली गाय, नीलम का दान अवश्य करना चाहिए।
- शनि जयंती पर पूजा करते हुए ये संकल्प लें कि हमारी वजह से कभी किसी को कोई दुख ना पहुंचे।
- शनि जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा भी अवश्य करें। लेकिन जो लोग माता-पिता की सेवा पुरे मन और श्रद्धा से करते हैं, उन्हें शनि की कृपा अवश्य मिलती है।