Shanidev Pujan Vidhi: जानें कब करते हैं शनिदेव देव की पूजा
Shanidev Pujan Vidhi: शनिदेव की पूजा करते समय उनसे सीधे नजरें नहीं मिलाना चाहिए। मान्यता है इससे जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। शनि की दृष्टि को अशुभ माना गया है।
Shanidev Pujan Vidhi: शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की पूजा सूर्यास्त के बाद फलीभूत मानी गई है। इस वक्त शनि का प्रभाव तेज रहता है। जो सच्चे मन से इस समय शनि की उपासना करता है, उस भक्त पर शनिदेव अपनी कृपा लुटाते हैं।
शास्त्रों में बताया गया है कि शनि और सूर्य एक दूसरे के विरोधी हैं। सूर्य पूर्व दिशा में विराजित हैं तो वहीं शनिदेव पश्चिम दिशा में। जब सूर्योदय होता है तो सूरज की किरणें शनि के पीठ पर पड़ती है। यही वजह है कि सूर्योदय के समय शनिदेव कोई भी पूजा स्वीकार नहीं करते हैं। सूरज ढलने के बाद शनि की पूजा उत्तम मानी जाती है।
नजरें न मिलाएं
शनिदेव की पूजा करते समय उनसे सीधे नजरें नहीं मिलाना चाहिए। मान्यता है इससे जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। शनि की दृष्टि को अशुभ माना गया है। कहते हैं अगर शनिदेव आपके जीवन में परेशानियां दे रहे हैं या साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव झेल रहे हैं । तो शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दीपक लगाकर दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। इससे शनि की पीड़ा में कमी आएगी।
आर्थिक एवं शारीरिक रूप से मिलेगी मजबूती
शनिदेव की प्रसन्नता पाने के लिए सबसे सरल उपाय है मंत्र जाप। शनिवार के दिन शाम को शनि मंदिर में 'ॐ शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि। तन्नो मंद: प्रचोदयात।।' मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आर्थिक एवं शारीरिक रूप से मजबूती मिलेगी।
पैसों की तंगी चल रही है तो शनिवार के दिन पीपल की 7 पत्तियों को घर लाएं और हल्दी से उस पर ''ह्रीं'' लिखें। शाम को शनि मंदिर में भगवान के सामने रख दें। मान्यता है इससे धन की कमी दूर होती है।
ॐ शं शनैश्चराय नमो नमः