Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि इस दिन हो रहे हैं शुरू, यहां जानिए कलश स्थापना की विधि और शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2022: 26 सितंबर से शुरू होने वाली शारदीय नवरात्रि में मां के भक्त बहुत धूम-धाम से मां की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-08-15 20:27 IST

मां के नवरात्र (फोटो- सोशल मीडिया)

Shardiya Navratri 2022: इस साल 2022 में शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2022 date) 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। हिंदू धर्म की सनातन परंपरा में स्त्री को ज्ञान, संपदा, श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक माना गया है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है। शुक्ल पक्ष में नौ दिन तक नौ देवियों की आराधना की जाती है। इसके बाद दसवे दिन दशहरा(Dusshera 2022) मनाया जाता है। 

26 सितंबर से शुरू होने वाली शारदीय नवरात्रि में मां के भक्त बहुत धूम-धाम से मां की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। मां के भक्त शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करते हैं। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा-अर्चना भक्ति-भाव से करते हैं। आइए आपको बताते हैं कि 26 सितंबर को नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का मुहूर्त और विधि क्या है।

शारदीय नवरात्रि 2022 का मुहूर्त
Shardiya Navratri 2022 Muhurat

शारदीय नवरात्रि - 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक

अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा प्रांरभ - 26 सितंबर 2022, 3.24 AM

अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा समापन- 27 सितंबर 2022, 03.08 AM

अभिजीत मुहूर्त- 26 सितंबर सुबह 11.54 से दोपहर 12.42 मिनट तक

घटस्थापना मुहूर्त - 26 सितंबर 2022, 06.20 AM – 10.19 AM

फोटो- सोशल मीडिया

नवरात्रि में घटस्थापन की विधि

Navratri Ghat Isthapana Vidhi

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए एक दिन पहले से ही पूजा का सभी सामान खरीद के रख लिए जाता हैं। नवरात्रि में देवी की पूजा नवरात्र के पहले दिन से शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करके शुरू करते हैं।

पूजा शुरू करने के लिए कलश स्थापना के लिए एक मिट्‌टी के पात्र में पवित्र मिट्‌टी रखें और उसमें जौ बो दीजे।

इसके बाद पूजा स्थान या ईशान कोण में कलश स्थापना करना बहुत शुभ माना जाता है। इस लिए एक स्थान पर गंगाजल छिड़कर सफाई कर लीजे।

अब पूजा की चौकी पर साफ सुथरा लाल कपड़ा बिछाएं। इस चौकी पर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद एक तांबे या मिट्‌टी के कलश में गंगा जल या स्वच्छ जल लीजिए। 

इस जल भरे कलश में सिक्का, अक्षत सुपारी, लौंग के जोड़ा, दूर्वा घास, डालें।

अब कलश के मुख पर मौली को लपेटते हुए बांधें।

अब एक नारियल लीजिए। इस नारियल पर लाल चुनरी को मौली से बांध दें। फिर कलश में आम के पत्ते लगाकर उसपर ये नारियल रख दें।

इसके बाद अब जौ वाले पात्र और कलश को मां दुर्गा की फोटो के दाई तरफ स्थापित कर दें।

ऐसा करके कलश स्थापना हो जाएगी। हां लेकिन शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। मां जगदंबा की पूजा विधि-विधान से शुरू करें।

मां दुर्गा के नौ रूप 

26 सितंबर 2022 मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि

27 सितंबर 2022 मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीय तिथि

28 सितंबर 2022 मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि

29 सितंबर 2022 मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि

30 सितंबर 2022 मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि

1 अक्टूबर 2022 मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि

2 अक्टूबर 2022 मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि

3 अक्टूबर 2022 मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी

4 अक्टूबर 2022 महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण

5 अक्टूबर 2022 मां दुर्गा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)

Tags:    

Similar News