Shardiya Navratri 2023: ऐसी जगह की मिट्टी से बनती है मां दुर्गा की प्रतिमा, जानिए शारदीय नवरात्रि के 9 दिन कब है और घट स्थापना

Shardiya Navratri 2023 Date and Time: धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व हैं। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तो नवरात्रि का आरंभ होता है, मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से आराधना और पूजा ( worship)करने से माता अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है और भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

Update:2023-10-15 07:35 IST

Shardiya Navratri 2023 Date and Time (Photo - Social Media)

Shardiya Navratri 2023 Date and Time: शारदीय नवरात्रि चल रही है। सब मां की आराधना में व्यस्त है। अपनी श्रद्धानुसार सब मां की भक्ति करते है, लेकिन एक बात का मन में संशय रहता है कि मां की कृपा है कि नहीं।नवरात्रि में सभी कोई न कोई मनोकामना लेकर कलश स्थापना या दुर्गा पाठ करता है। ऐसे में सब जानना चाहते हैं कि पूजा कितनी सफल हुई। इसके लिए सब पहले से तैयारी करते है। इसमें मां दुर्गा की मूर्ति के निर्माण का काम भी रहता है।

इस मिट्टी से होती है मां दुर्गा की मूर्ति का निर्माण

नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमा को लेकर जोड़ शोर से तैयारियां होती हैं। शारदीय नवरात्रि को कई नामों से जाना जाता है। जिनमें दुर्गा पूजा और दशहरा प्रमुख नामों में से एक है। पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में शारदीय नवरात्रि के त्योहार को पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। मां दुर्गा को दुर्गतिनाशिनी के नाम से जाना जाता है। दुर्गतिनाशिनी यानी बुराई की नाश करने वाली और अपने भक्तों की रक्षा करने वाली।

नवरात्रि शुरू होने से कुछ दिनों पहले से ही मूर्तिकार मां दुर्गा की मूर्तियां तैयार करने में लग जाते हैं क्योंकि नवरात्रि में बड़े-बड़े पूजा पंडालों का निर्माण किया जाता है और ऐसे में मंदिरों से लेकर पूजा पंडालों में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए किस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है और ये पवित्र माटी कहां से लाई जाती है।

नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण वेश्यालय की मिट्टी से किया जाता है। बता दे हिंदू मान्यताओं के अनुसार वेश्यावृत्ति को भले ही दुनिया भर में अधार्मिक माना गया हो और समाज में देह व्यापार करने वाली महिलाओं को घृणा की नजर से देखा जाता हो लेकिन नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में वेश्यालय की मिट्टी के बिना मां दुर्गा की प्रतिमा अधूरी मानी जाती है।

 पौराणिक और लोक कथाओं के अनुसार वेश्यालय की माटी से पवित्र मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने के पीछे कई मान्यताएं और धारणाएं जुड़ी हुई हैं। इन्ही एक मान्यता के अनुसार बहुत पुराने समय में एक वेश्या माता दुर्गा की अनन्य भक्त थी। उसे समाज में तिरस्कार से बचाने के लिए मां ने स्वयं आदेश देकर, उसके आंगन की मिट्टी से अपनी प्रतिमा स्थापित करने की परंपरा शुरू करवाई। इसी के साथ ही मां दुर्गा ने उसे वरदान दिया कि बिना वेश्यालय की मिट्टी के इस्तेमाल के दुर्गा प्रतिमाओं को पूरा नहीं माना जाएगा। तभी से वेश्यालय की मिट्टी से मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण करने की प्रथा प्रचलित हुई। बता दे मां ने यह वरदान दिया कि वेश्यालय की मिट्टी से बनाई गई मूर्ति की पूजा करने से ही व्रत और पूजन सफल होगी। इसके बाद से ही यह परंपरा धीरे-धीरे बढ़ती गई और नवरात्रि पूजा के लिए मां की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल होने लगा। बता दे जानकारों के अनुसार शारदा तिलकम, महामंत्र महार्णव, मंत्रमहोदधि आदि जैसे ग्रंथों में इसकी पुष्टि भी की गई है।

एक और मान्यता के अनुसार जैसे ही कोई व्यक्ति वेश्यालय में प्रवेश करता है वह अपनी पवित्रता द्वार पर ही छोड़ जाता है। बता दे कि ऐसा माना जाता है कि भीतर प्रवेश करने से पहले उसके अच्छे कर्म और शुद्धियां बाहर ही रह जाती हैं और वेश्यालय के आंगन की मिट्टी सबसे पवित्र होती है इसलिए उसका इस्तेमाल मां दुर्गा की प्रतिमा के लिए किया जाता है।यह सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन वेश्यालय से मिट्टी लाने के पीछे इसका यह कारण भी काफी प्रचलित है। बता दे इसके साथ ही पवित्र नदियों के माटी से भी मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जाती है।

शारदीय नवरात्रि शुभ मुहूर्त

हिंदु धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व हैं। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तो नवरात्रि का आरंभ होता है, मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से आराधना और पूजा ( worship)करने से माता अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है और भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

  • इस बार शारदीय नवरात्रि  में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11:44 मिनट -12:30 मिनट तक रहेगा
  • घटस्थापना रविवार , 15 अक्टूबर2023
  • घटस्थापना मुहूर्त -सुबह 11:44 मिनट -12:30 मिनट तक,11:09 AM से 11:55 AM
  • घटस्थापना अमृत काल -11:07 AM से 12:35 PM
  • घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है
  • शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर रात 11:25 मिनट
  • शारदीय नवरात्रि   के नौ दिन कब कब किस स्वरूप की पूजा है..
  • शारदीय नवरात्रि   प्रथम दिन - 15 अक्टूबर 2023- मां शैलपुत्री की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  दूसरा दिन -16 अक्टूबर 2023- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  तीसरा दिन - 17 अक्टूबर 2023- मां चंद्रघंटा की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  चौथा दिन  - 18 अक्टूबर 2023- मां कूष्मांडा की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  पांचवां दिन  - 19 अक्टूबर 2023- मां स्कंदमाता की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  छठा दिनम- 20 अक्टूबर 2023- मां कात्यायनी की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  सातवां दिन -  21 अक्टूबर 2023- मां कालरात्रि की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  आठवां दिन - 22 अक्टूबर 2023- मां सिद्धिदात्री की पूजा
  • शारदीय नवरात्रि  नवां दिन- 23 अक्टूबर 2023- मां महागौरी की पूजा
  • विजयदशमी- 24 अक्टूबर 2023
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