Shardiya Navratri Puja Vidhi: शुरू होने वाली शारदीय नवरात्रि,इन कामों से न करें मां दुर्गा को नाराज, वरना जीवनभर रहेंगे कंगाल
Shardiya Navratri Puja Vidhi in Hindi: शारदीय नवरात्रि शुरू होने वाली है, जानते हैं मां दुर्गा की पूजा में 9 दिन क्या नहीं करें...
Shardiya Navratri Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार साल भर में कुल मिलाकर 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 2 अक्टूबर से होने वाली है। इसके अलावा 12 अक्टूबर को विजय दशमी होगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की मान्यता है। कलश स्थापना को ही घट स्थापना भी कहते हैं। अखंड ज्योति जलाते हैं। नौ दिनों का उपवास रखते हैं।
नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी दिन कलश स्थापना के साथ देवी शैलपुत्री की पूजा भी होगी। फिर इसके बाद ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कत्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होगी।
शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) में 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए पूजा अर्चना करते हैं। आश्विन माह के प्रतिपदा तिथि को घटस्थापना की जाती है और अष्टमी व नवमी तिथि पर कन्या पूजन के बाद 9 दिन के व्रत का पारण किया जाता है।
यूं तो इन नौ दिनों में भक्त तरह-तरह की पूजा व भजन-कीर्तन आदि करते हैं जिससे मां दुर्गा प्रसन्न हो जाएं। लेकिन मान्यता है कि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिन्हें नवरात्रि के दौरान करने पर मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं।
शारदीय नवरात्रि में नहीं करें ये काम
शारदीय नवरात्रि दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए और मांस-मछ्ली व प्याज लहसुन से परहेज करना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि के दौरान शराब के सेवन को भी वर्जित माना गया है।
शारदीय नवरात्रि परिवार के सदस्यों को चैत्र नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी या मूंछ नहीं कटवाने चाहिए।
शारदीय नवरात्रि के दौरान चमड़े से बनी वस्तुओं को दूर रखना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि पूजा स्थल पर जाने वाले व्यक्ति को चमड़े की कोई चीज धारण नहीं करनी चाहिए।
शारदीय नवरात्रि पर दुर्गा मां की अखंड ज्योत को कभी भुजने नहीं देना चाहिए। मां दुर्गा क्रोधित हो सकती हैं।
शारदीय नवरात्रि पर शुभ-मुहूर्त और 9 दिन
आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगा। शारदीय नवरात्रि का पर्व 12 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना करने का विधान है।
बता दें कि 3 अक्टूबर को सुबह 6 .19 मिनट से लेकर 7 बजकर 23 मिनट पर होगा।
इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त 11. 52 मिनट से लेकर 12 . 40 मिनट पर होगा।
नवरात्रि का पहला दिन- मां शैलपुत्री – 3 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का आठवां दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजा – 10 अक्टूबर 2024
नवरात्रि का नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्टूबर 2024
विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन
ऐसे आएंगी मां दुर्गा
शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर ही वास करती हैं। ऐसे में वह किसी न किसी वाहन में सवार होकर आती हैं और वापसी भी इसी तरह करती हैं।बता दें कि इस बार शारदीय नवरात्रि गुरुवार के दिन शुरू हो रही है। इसलिए मां का आगमन डोली से हो रहा है। मान्यता है कि मां का डोली से आना सुख-समृद्धि लेकर आता है।
श्लोक
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
देवी भागवत पुराण के इस श्लोक के अनुसार, वार के अनुसार देवी के आगमन और प्रस्थान के वाहन का निर्णय लिया जाता है। अगर नवरात्रि सोमवार या रविवार को होती है, तो मां हाथी में , मंगलवार या शनिवार को घोड़ा।शुक्रवार को मां डोली और गुरुवार को डोली में आती हैं। इसके साथ ही बुधवार के दिन आती है, तो नौका में सवार होकर आती हैं।