Shitala Mata Puja: क्यों होती है शीतला सप्तमी पूजा, आइये जानें इसकी कहानी

Sheetala Saptami 2022: माता शीतला का स्मरण करने वाले लोग सदैव निरोगी रहते हैं। शीतला माता सप्तमी व्रत की यह विधि आज देर रात तक जारी रहेगी।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Shreya
Update: 2022-03-24 03:49 GMT

शीतला माता (फोटो साभार- फेसबुक) 

Shitala Mata Puja: शीतला माता पूजा या शीतला सप्तमी (Sheetal।a Saptami) होली के सातवें दिन होता है। इस दिन माता शीतला (Shitala Mata) का व्रत रखा जाता है। पौराणिक कथाओं और मान्यताओं में माता शीतला को सुख, समृद्धि, संपन्नता और स्वास्थ्य की देवी माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति शीतला सप्तमी (Sheetala Saptami) या शीतल अष्टमी (Sheetala Ashtami) का व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं तथा साथ व्रत के चलते इंसान किसी भी प्रकार के कष्टकारी रोगों से भी दूर रहता है।

माता शीतला का भारतीय मान्यता के अनुसार, स्कन्द पुराण में वर्णन है। स्कन्द ओरण के मुताबिक, माता शीतला का स्मरण करने वाले लोग सदैव निरोगी रहते हैं और कई भी संक्रमण अथवा महामारी उन्हें छू भी नहीं सकती। बीते दिन से शुरू हुई शीतला माता सप्तमी व्रत की यह विधि आज देर रात तक जारी रहेगी।

शीतला माता रोगों को हरने वाली हैं, इसी के तहत माता की कलाकृति को गदर्भ पर विराजित दिखाया गया है, जिसमें माता के हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते हैं।

एक दिन पहले बने ठंडे भोजन का करें सेवन

माता शीतला व्रत सप्तमी के अवसर पर एक दिवस पूर्व बनाया गया बासी अथवा ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है। इसके पीछे का कारण यह माना गया है कि शीतला सप्तमी के अवसर पर हर साल मौसम ठंडी से गर्मी की ओर बदलता है, जिसके चलते भोजन में। संतुलन बनाने और मौसम सम्बंधी बीमारियों से बचने के लिए यह प्रावधान रखा गया है।

ऐसा कहा जाता है कि शीतला सप्तमी के दिन एक दिन पहले बना ठंडा भोजन का सेवन करने से मौसम के बदलाव सम्बंधी बीमारियों से बचा जा सकता है तथा यह हमारी पाचन क्रिया को भी दुरुत्त रखता है। 

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