Shravan Mass: शिवत्व का अर्थ

Shravan Mass: भगवान शिव भले ही स्वयं फकीरी में रहे,पर वाणासुर और रावण जैसे अनेक भक्तों को उन्होंने अनंत ऐश्वर्य सुख भी प्रदान किये।

Update: 2024-08-07 12:58 GMT

Shravan Mass

Shravan Mass: शिवत्व अर्थात लोक मंगल की वह विराट भावना,जिसमें स्वयं अनेक कष्टों को सहकर भी,दूसरों के कष्टों को मिटाने का हर सम्भव प्रयास किया जाता है। स्वयं खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रावण को सोने की लंका देने वाले भगवान शिव से श्रेष्ठ इसका कोई उदाहरण नहीं हो सकता है।

भगवान शिव भले ही स्वयं फकीरी में रहे,पर वाणासुर और रावण जैसे अनेक भक्तों को उन्होंने अनंत ऐश्वर्य सुख भी प्रदान किये। अपने भक्तों की हर उस इच्छा की पूर्ति भगवान महादेव ने की जो भक्तों द्वारा उनसे याचना की गई।

जिसके अंदर लोकमंगल का भाव न हो,जिसकी प्रवृत्ति में परोपकार न हो और जिसका मन किसी की पीड़ा को देखकर व्यथित न होता हो,वह व्यक्ति शिव-शिव कहने मात्र से कभी भी शिव भक्त नहीं हो सकता। जो हर स्थिति में भक्तों का कल्याण करे, वह शिव और जो कल्याण की भावना रखे, वही शिव भक्त है।

( लेखक धर्म व अध्यात्म के विशेषज्ञ हैं ।) 

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