Shivling Par Akshat Chadane Ke Vidhi शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाने से क्या होता है?: जानिए अक्षत क्या होता है और इसके फायदे
Shivling Par Akshat Chadane Ke Vidhi शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाने से क्या होता है?: सावन का महीना चल रहा है। इसमें भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें, साथ ही फल फूल के साथ शिवलिंग पर अक्षत चढायें, इससे चढाने के लिए विधि विधान से पूजा करने में अक्षत चढ़ाये..
Shivling Par Akshat Chadane Ke Vidhi शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाने से क्या होता है?: अधिकमास ( Adhikmass) सावन में अभी 20 दिन बीत चुके है। और 31 अगस्त तक सावन मास है। अगर आप ने अब तक शिव भगवान( Shiv bhagwan) की पूजा नहीं की है तो अभी भी आपके पास पूरा समय है आप शिवलिंग पर जलाभिषेक सावन की विशेष पूजा कर सकते हैं और सोमवार व्रत ( Somvar Vrat) रख सकते हैं, जानते हैं
सावन में शिव की पूजा में अक्षत
भगवान शिव की पूजा करने के लिए शिव भक्तों को इस बार 59 दिन का समय मिला है। भगवान शिव को सावन प्रिय है। इस मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ जलाभिषेक, बेलपत्र चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। सभी देवी-देवताओं की पूजा के लिए विभिन्न तरीकों की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं चीजों में से एक है अक्षत या साबुत चावल। देवी-देवता की पूजा से लेकर मांगलिक कार्यों तक में अक्षत का इस्तेमाल किया जाता है। हर देवी-देवता को अलग-अलग तरीकों से अक्षत चढ़ाया जाता है। जानिए भगवान शिव को अक्षत चढ़ाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
अक्षत क्या होता है
अक्षत का मतलब जिसका कोई नुकसान या टूटे यानी जिसकी कोई क्षति न हुई है। जो पूर्ण हो। देवी-देवता की पूजा के दौरान बिना टूटे चावल को चढ़ाने को कहा गया है जिसे अक्षत कहा जाता है। अक्षत का रंग सफेद होता है,जो जीवन में सुख- शांति को दर्शाता है।
अक्षत से ही शिव पूजा पूरी होगी
भगवान शिव को चावल यानी अक्षत चढ़ाएं बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि अगर किसी शिव मंदिर गए हैं, तो अक्षत जरूर चढ़ाएं। फिर चाहे वह एक टुकड़ा ही क्यों न हो। हाथों में एक मुट्ठी अक्षत ले लें। अगर एक मुट्ठी नहीं ले सकते हैं, तो 5 या फिर 7 दाने ले सकते हैं।
शिवलिंग पर चावल के कितने दाने चढ़ाने चाहिए?
अक्षत शिवलिंग में ऐसे चढ़ाएं
धर्मानुसार, भगवान शिव को अकेले चावल कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। हमेशा चावल के साथ हल्दी, फूल, रोली, अबीर आदि जरूर रखें। आप चाहे, तो हल्दी से रंगे हुए पीले चावल भी चढ़ा सकते हैं। भगवान शिव को चावल चढ़ाने के लिए सबसे पहले हाथ की मध्यमा और अनामिका उंगली के साथ अंगूठे का इस्तेमाल करें। इसके बाद इस मंत्र को बोले- अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:. मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥ फिर श्रद्धा के साथ शिवलिंग में अक्षत चढ़ा दें।
खंडित अक्षत शिवलिंग में न चढ़ाएं
अक्षत का पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि अगर पूजा में कोई कमी रह गई है, तो उस चीज के बगले अक्षत चढ़ा दें। इससे वह कमी पूरी हो जाती है। शिवलिंग में अक्षत यानी साबुत कच्चे चावल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह टूट हुए न हो। इससे आपकी पूजा खंडित हो सकती है
शिवलिंग पर अक्षत चढाने के फायदे
शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करने से भक्तों की विशेष मनोकामना पूर्ण होती है, लेकिन चावल अर्पित करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि चावल का कोई भी दाना टूटा हुआ नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा, नियमित रूप से चावल के 5 दानें शिवलिंग पर अर्पित करने से व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती और न ही कभी पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप धन प्राप्ति की कामना करते हैं, हर सोमवार शविलिंग की विधिपूर्वक पूजा करें और 11 मुट्ठी कच्चे चावल पूजा में रखें ।इसके बाद एक मुट्ठी चावल शिवलिंग पर अर्पित करें और बाकी के चावल मंदिर में किसी व्यक्ति को दान कर दें या फिर जरूरतमंद व्यक्ति को दे दें इस उपाय को लगातार 7 सोमवार तक करने पर व्यक्ति को जीवन में भोलेनाथ की कृपा से धन की प्राप्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि अगर नियमित रूप से शिवलिंग पर चावल के 5 दाने अर्पित किए जाएं, तो शिव जी प्रसन्न होकर भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।