Shukrawar Ke Upay: शुक्रवार को करते हैं संतोषी माता का व्रत तो भूल से भी न करें ये 5 गलतियां

Shukrawar ke Upay: सोमवार को भगवान शिव का व्रत भक्त रखते हैं, तो वहीं शुक्रवार को लोग मां संतोषी का व्रत करते हैं, साथ ही माँ संतोषी, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी का व्रत भी करते हैं।

Report :  Anupma Raj
Update: 2022-12-02 00:35 GMT

Goddess Santoshi Mata (Image: Social Media)

Shukrawar ke Upay: हिंदू धर्म में हर दिन का महत्व होता है। सोमवार को भगवान शिव का व्रत भक्त रखते हैं, तो वहीं शुक्रवार को लोग मां संतोषी का व्रत करते हैं। बता दें शुक्रवार को माँ संतोषी, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी का व्रत भी अपने अपने तरीके से करते हैं। दरअसल ऐसी मान्यता है कि इन सब व्रतों से लाभ जल्दी होता है और मां संतोषी जल्द प्रस्सन होती हैं। व्रत के दौरान बहुत सारी चीज़ों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। 

ऐसे में अगर व्रत से आपको लाभ, घर में सुख समृद्धि जल्दी चाहिए तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। इसलिए अब से हर शुक्रवार मां संतोषी के व्रत से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लें ताकि अगली बार पूरे विधि-विधान के साथ आप इनका व्रत कर पाएं। तो आइए जानते हैं कि कौन सी गलती आपको नहीं करनी चाहिए:

व्रत के दौरान इन गलतियों को करने से बचना चाहिए:

खट्टी चीज़ों से जरूर करें परहेज

हिंदू मान्यता के अनुसार माता संतोषी को खट्टी चीजें पसंद नहीं हैं। इसलिए व्रत करने वाले को खट्टी चीज़े खाने और शुक्रवार को खट्टी चीज़े घर लाने से भी एकदम परहेज करना चाहिए।

Mata Santoshi

ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि व्रत वाले दिन फलहारी भी खट्टा ना खाएं।

परिवार वाले भी करें खट्टी चीज़ों से परहेज

व्रत के दिन व्रत रखने वाले के साथ-साथ परिवार वालों को भी खट्टी चीज़ों से परहेज करना चाहिए। शुक्रवार के दिन खट्टी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए।

मदिरा और मांस का सेवन ना करें सेवन

शुक्रवार, यानि व्रत के दिन घर के सदस्यों को मदिरा और मांसाहार के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा ना करने से आपको देवी संतोषी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस दिन इन चीज़ों से एकदम परहेज करें।

नियमों का पालन ना करना गलत

शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत करते समय नियमों को जरूर माने, अनदेखा बिल्कुल भी ना करें।

मां संतोषी माता के व्रत का महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार संतोषी माता का व्रत करने से निसंतान व्यक्ति को पुत्र/पुत्री की प्राप्ति होती है और साथ ही मां संतोषी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बता दें मन में संकल्प लेकर इस व्रत को किया जाये तो कुंवारी कन्याओं को मन चाहा वर प्राप्त होता है।

आपको बता दें अगर आपके जीवन में बहुत सी परेशानियां हैं तो इस व्रत को करने से आपकी साड़ी परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।




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