सहारनपुरः भारतीय पंचांग के अनुसार, खंड ग्रास सूर्य ग्रहण फाल्गुन अमावस्या बुधवार यानि 9 मार्च को दिखाई देगा। सिंहस्थ से पहले पंचग्रही योग में सूर्य ग्रहण शुभ फलदायी नहीं है। इस कारण जीवन उपयोगी वस्तुएं महंगी होंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित सागर जी महाराज के अनुसार
-यह ग्रहण पूर्व भाद्र पक्ष नक्षत्र में साध्य योग, कुंभ राशि में स्थित चंद्र के साथ होगा।
-इस समय आकाश में 5 ग्रह केतु, बुध, सूर्य, शुक्र और चंद्र साथ रहेंगे।
-इन ग्रहों पर शनि-युत मंगल की दृष्टि भी है।
-फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर ग्रहण का होना शुभ नहीं माना जाता है।
-बुधवार का दिन, कुंभ राशि, पूर्व भाद्र नक्षत्र तथा पांच ग्रहों के साथ ग्रह गोचर में गुरु-राहु का समसप्तक दृष्टि संबंध अनिष्टकारी माना जाता है।
-राजनीतिक उठा पटक अधिक रहने के साथ ही महंगाई बढ़ेगी।
-जिन जातकों की राशि में ग्रहण के कारण कष्ट है, उन्हें गंगा,यमुना में स्नान कर दान करना चहिए।
-इसके अलावा पितरों के लिए पूजन करने से कष्ट दूर होंगे।
-किसी कारण वश अगर नदी जल स्नान करने के लिए न मिल पाये तो साफ तालाब का जल प्रयोग किया जा सकता है।
-वह भी न मिले तो झरने का जल लेना चाहिए।
-इसके जल श्रेष्ठता में इसके बाद भूमि में स्थित जल को स्नान के लिये लिया जा सकता है।
ग्रहण का किस राशि पर पड़ेगा कैसा असर
मेष: धन लाभ
वृष: सुख, गुप्त चिंता
मिथुन: भय, संतान चिंता
कर्क: लाभ सौख्य
सिंह: दाम्पत्य जीवन में बाधा
कन्या: सुख - समृद्धि
तुला: चिंता,मान हानि
वृश्चिक: कार्य सिद्धि
धनु: धन प्राप्ति
मकर: खर्च यात्रा,धन हानि
कुंभ : शारीरिक कष्ट, चोट
मीन: धन हानि
सूर्य ग्रहण की सीमा में आने वाले मुख्य दोष
-सूर्य ग्रहण भारत समेत दक्षिणी पूर्वी एशिया, थाइलैण्ड, इण्डोनेशिया, दक्षिणी कोरिया, जपान, सिंगापुर और आस्ट्रेलिआ में दिखाई देगा।
-इस ग्रहण का सम्पूर्ण घटनाक्रम सुमार्ता बोरनियो, इण्डोनेशिया और उत्तर प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
-सूतक काल में बालकों, वृ्द्ध रोगी व गर्भवती स्त्रियों को छोडकर अन्य लोगों को भोजन ग्रहण कर लेना चाहिए।
-ग्रहण के स्पर्श के समय में स्नान करना चाहिए।
-ग्रहण मध्य समय में होम व देव पूजन करना चाहिए।
-ग्रहण मोक्ष समय में श्राद्ध और अन्न, वस्त्र, धनादि का दान करना चाहिए।
-सर्व मुक्त होने पर स्नान करना चाहिए।