Som Pradosh Vrat 2022 Today : इस बार सोम प्रदोष बहुत खास, बन रहे कई कल्याणकारी योग, हर दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, चमकेगी किस्मत

Som Pradosh Vrat 2022 Today : आषाढ़ माह में प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है। यह तिथि शिवजी को बहुत प्रिया है। शास्त्रों में सोम प्रदोष का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन विधि-विधान से शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। अंखड सौभग्य के मां पर्वती की आराधना करनी चाहिए।

Update:2022-07-11 08:45 IST

 सांकेतिक तस्वीर सौ. से सोशल मीडिया

Som Pradosh Vrat 2022 Today :

सोम प्रदोष व्रत (11 जुलाई 2022) कब है?

शिव ही आदि है और शिव ही अंत है। निराकार निरब्रह्म शिव  (lord shiva) की पूजा कर ही समस्त सृष्टि को प्रसन्न किया जा सकता है और शिव को प्रसन्न करने का सरल मार्ग है प्रदोष व्रत। वैसे तो एकादशी की तरह ही साल में 24 प्रदोष पड़ते हैं जो शिव को अति प्रिय है। त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ता है।। शिव  की भक्ति और कृपा के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत कर  प्राप्त की जा सकती है। हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में 2 प्रदोष पड़ते हैं। इस बार आषाढ़ माह में प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है। हिंदू शास्त्रों में सोम प्रदोष ( Som Pradosh vrat ) का विशेष महत्व बताया गया है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा कर व्रत धारण किया जाता है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम होता है।

इस बार आषाढ़ माह में 11 जुलाई 2022 को प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उसका नाम निर्धारित होता है। 11 जुलाई  को पड़ने वाला प्रदोष व्रत के दिन सोमवार है, इसलिए इसे सोम प्रदोष कहते हैं।

धर्मशास्त्रों के अनुसार सोम और शनि प्रदोष का व्रत सभी प्रदोषों में सबसे कम बार आता है। इसलिए इस व्रत की महिमा और बढ़ जाती है। माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं। इस प्रदोष व्रत सोमवार के दिन है तो जानते हैं आने वाले इस व्रत शुभ मुहूर्त...

पूरा आषाढ़ माह धार्मिक दृष्टि दान-पुण्य और स्नान का होता है। इसमें भगवान शिव को समर्पित प्र्दोष व्रत सोमवार को पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है और इस महीने को बहुत पवित्र मानते है लेकिन मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है और सारे पाप भी धुल जाते हैं।

सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त...

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 11 जुलाई सोमवार को दिन में 11.13 मिनट से 12 जुलाई मंगलवार को सुबह 07.46 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष पूजा हमेशा शाम के समय में करते हैं। सोम प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त 11 जुलाई की शाम को है, ऐसे में सोम प्रदोष व्रत इस दिन ही रखा जाएगा।

प्रदोष की पूरी तिथि : 11 जुलाई सोमवार को दिन में 11.13 मिनट से 12 जुलाई मंगलवार को सुबह 07.46 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त : 04:16 AM से 05:03 AM

अमृत काल : 09:24 PM – 10:50 PM

अभिजीत मुहूर्त :12:05 PM से 12:58 PM

प्रदोष काल शाम :06:38 PM से 07:02 PM

प्रदोष की पूजा : 11 जुलाई शाम 07. 22 मिनट से रात 09 .24 मिनट

निशित काल-11:43 PM से 12:24 AM, 12 जुलाई

पारणा का समय: 8.10 am से 9.10 am तक 

सर्वार्थ सिद्धि योग-सुबह 05:31 बजे से सुबह 07:50 बजे तक

 रवि योग - सुबह 05:15 बजे से अगले दिन सुबह 05:32 बजे तक 

 शुक्ल योग- सुबह से लेकर रात 09:02 बजे तक 

 सर्वार्थ सिद्धि योग, र​वि योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग का संयोग इस बार सोम प्रदोष के दिन बना है। जो आपको  सुख-समृद्धि दिलाते है। इस दिन मां पार्वती की पूजा अखंड सौभाग्य के लिए करना चाहिए।

सोम प्रदोष से चंद्र दोष का निवारण

सोम प्रदोष के दिन चंद्रमा की पूजा भी शिव के साथ करते हैं। इससे कुंडली में चंद्र दोष का निवारण होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती है।सोमवार को चंद्रमा अपनी राशि में रहेगा । सोम प्रदोष के दिन चंद्रमा का  महत्व बढ़ जाता है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक और चंद्र की पूजा करने से दोषों से मुक्ति मिलती है। सोम प्रदोष के दिन ही पुष्य नक्षत्र, आयुष्मान और सौभाग्य योग बन रहा है। तो हर प्रकार के कष्ट की मुक्ति के लिए अच्छा है। सोम प्रदोष के दिन सुबह 05:31 बजे से सुबह 07:50 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा और साथ में रवियोग भी। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और उनमें उन्नति होती है ।

इस दिन अभिजीत मुहूर्त में किेए गए काम में सफलता मिलेगी। व्यवसाय, नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के लिए मन में इच्छा रखकर इस प्रदोष व्रत करें और शिव पंचाक्षर मंत्र से शिव से कामना करने पर हर इच्छा पूरी होती है। निशिता काल में विशेष कृपा के लिए शिव की पूजा प्रदोष व्रत के दिन की जाए तो सारे काम पूरे होते है।

सोम प्रदोष पर खास उपाय

इस उत्तम व्रत के दिन शिव की विशेष कृपा पाने  लिए आप विशेष उपाय कर सकते हैं। इस अगर आप शारीरिक रुप से अस्वस्थता को दूर करना चाहते हैं, ज्ञान  मोक्ष और आनंद पाना चाहते है तो इन उपायों को करने से शीघ्र फल मिलता है।

  • बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
  • तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
  • शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
  • शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
  • शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
  • यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर सकती है हो।
  • भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
  • तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
  • जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
  • गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में बांट देना चाहिए।

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