Som Pradosh Vrat 2022: आज है सोम प्रदोष व्रत और बन रहा कौन सा अद्भुत योग, इस मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा, बरसेगी कृपा
Som pradosh vrat 2022 : इस बार माघ माह में प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है। हिंदू शास्त्रों में सोम प्रदोष का विशेष महत्व बताया गया है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा कर व्रत धारण किया जाता है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम होता है।
Som Pradosh Vrat 14 February 2022:
सोम प्रदोष व्रत (14 फरवरी 2022) कब है?
शिव की भक्ति और कृपा के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत कर भोले बाबा की कृपा प्राप्त की जाती है। हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में 2 प्रदोष पड़ते हैं। इस बार माघ माह में प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है। हिंदू शास्त्रों में सोम प्रदोष का विशेष महत्व बताया गया है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा कर व्रत धारण किया जाता है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम होता है।
इस बार माघ माह में 14 फरवरी 2022को प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम निर्धारित होता है। 14 फरवरी को पड़ने वाला प्रदोष व्रत के दिन सोमवार है, इसलिए इसे सोम प्रदोष कहेंगे।
धर्मशास्त्रों के अनुसार सोम और शनि प्रदोष का व्रत सभी प्रदोषों में सबसे कम बार आता है। इसलिए इस व्रत की महिमा और बढ़ जाती है। माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं। इस प्रदोष व्रत सोमवार के दिन है तो जानते हैं आने वाले इस व्रत शुभ मुहूर्त...
पूरा माघ माह धार्मिक दृष्टि दान-पुण्य और कल्पवास स्नान का होता है। इसमें भगवान शिव को समर्पित प्र्दोष व्रत सोमवार को पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है और इस महीने को बहुत पवित्र मानते है लेकिन मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है और सारे पाप भी धुल जाते हैं।
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त...
अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो फल शुभ मिलता है। इस दिन आयुष्मान व सौभाग्य योग में आयुष्मान 13 फरवरी को 09:15 PM से 14 फरवरी 09:28 PM तक फिर सौभाग्य - 14 फरवरी को 09:28 PM से 15 फरवरी 09:18 PM तक है।
- प्रदोष की पूरी तिथि : 13 फरवरी 06:42 PM से 14 फरवरी 08:28 PM
- ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 AM से 06:15 AM
- अमृत काल : 09:14 AM से 11:00 AM
- अभिजीत मुहूर्त : 12:18 PMसे 01:03 PM
- प्रदोष काल शाम : 05:40 PM से 06:04 PM
- प्रदोष की पूजा : में 11.18 pm से 12.45 am के बीच
- पारणा का समय: 5.10 am से 8.21 am तक 15 फरवरी
सोम प्रदोष के दिन चंद्रमा की पूजा भी शिव के साथ करते हैं। इससे कुंडली में चंद्र दोष का निवारण होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती है।सोमवार को चंद्रमा अपनी राशि में रहेगा । सोम प्रदोष के दिन चंद्रमा का अपनी खुद की राशि कर्क में रहने से इस दिन का और महत्व बढ़ जाता है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक और चंद्र की पूजा करने से दोषों से मुक्ति मिलती है। सोम प्रदोष के दिन ही पुष्य नक्षत्र, आयुष्मान और सौभाग्य योग बन रहा है। तो हर प्रकार के कष्ट की मुक्ति के लिए अच्छा है। सोम प्रदोष के दिन सुबह 11.54 से लेकर संपूर्ण दिन-रात तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। साथ में रवियोग भी। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और उनमें उन्नति होती
इस दिन अभिजीत मुहूर्त में किेए गए काम में सफलता मिलेगी। व्यवसाय, नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के लिए मन में इच्छा रखकर इस प्रदोष व्रत करें और शिव पंचाक्षर मंत्र से शिव से कामना करने पर हर इच्छा पूरी होती है। निशिता काल में विशेष कृपा के लिए शिव की पूजा प्रदोष व्रत के दिन की जाए तो सारे काम पूरे होते है।
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