लखनऊ: पुराणों में कहा गया है कि शिव की पूजा चाहे जैसे करें वो अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते है। भगवान की प्रसन्नता से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं, दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए सभी देवी-देवताओं की नियमित पूजन करना चाहिए । इनमें शिवजी का विशेष स्थान है। शिवपुराण के अनुसार इस संपूर्ण सृष्टि की रचना शिवजी की इच्छा से ही ब्रह्माजी ने की है। महादेव की पूजा से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और कुंडली के ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं। यहां जानिए इन वस्तुओं को चढ़ा कर आप शिव कृपा के पात्र हो सकते है
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 10 चीजें
-जल, दूध, दही, शहद, घी, शकर, ईत्र, चंदन, केशर, भांग (विजया औषधि) इन सभी चीजों का शिव पूजन में इस्तेमाल करने से भोले बाबा खुश होते है।ज्योतिषाचार्य पंडित सागर जी महाराज के अनुसार इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। स्नान करवाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
10 चीजें और उनसे मिलने वाले फल
-मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है।
-शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
-दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।
-दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है।
-शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है।
-ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं।
-शिवजी को चंदन चढ़ाने से व्यक्तित्व आकर्षक होता है। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
-केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है।
-भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती हैं।
-शकर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
कैसे करें शिव पूजन
जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाइए। इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं। मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं। पूजा में शिवजी को घी, शक्कर या मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें।
पूजन करते समय इस मंत्र का जप करें-
मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
ऊँ नम: शिवाय।