Astro Tips: धन कर्जा का होना
Astro Tips: कुंडली में ऐसे भी योग होते है जो कितना भी कमा ले फिर भी पैसा उधार लेने को विवश होते है जन्मकुंडली का दूसरा भाव रुपये-पैसे का और छठा भाव कर्जे का होता है।
Astro Tips: कर्जा होना एक दुःख दाई बात है।अधिकतर व्यक्ति पैसे का कर्जा लेते है तो कभी कभी मज़बूरी वष भी कर्जा लेता है कुछ व्यक्तियो की कुंडली में ऐसे भी योग होते है जो कितना भी कमा ले फिर भी पैसा उधार लेने को विवश होते है जन्मकुंडली का दूसरा भाव रुपये-पैसे का और छठा भाव कर्जे का होता है।अब जब भी दूसरे भाव जो रूपए पैसे का है तो इस भाव भावेश का सम्बन्ध जब भी कर्जे के घर छठे भाव या इस भाव के स्वामी से बनता है तब जातक पैसा उधार लेने पर मजबूत हो जाता है क्योंकि यहाँ दूसरे भाव/भावेश धन का सम्बन्ध छठे/भावेश से हो गया है।जब दूसरे भाव और छठे भाव के स्वामी ग्रह मित्र ग्रह हो या आपस में शुभ ग्रह हो तब कर्जा नाम मात्र का व्यक्ति लेता है और यह कर्जा बहुत जरूरत मन्द समय में व्यक्ति लेता है।
लेकिन जब दूसरे और छठे भाव दोनों के स्वामी पापग्रह हो या पाप शत्रु ग्रह हो तब व्यक्ति रुपए पैसे को लेकर हमेशा कर्जे में डुबा रहता है क्योंकि एक तो यह सम्बन्ध पाप ग्रहो के बीच है और दूसरा धन और कर्जे के स्वामियों के बीच है जिससे सिर्फ धन कर्ज बढ़ता ही है यदि दूसरे और छठे भाव/भावेश का सम्बन्ध यदि किसी अशुभ भाव में हो जैसे 6, 8, 12 भाव में हो तब स्थिति बहुत ख़राब हो जाती है।। यदि दूसरे और छठे भावेश शुभ ग्रह होक सम्बन्ध में हो तब कर्ज लेकर भी जातक बहुत जल्द इस कर्ज से मुक्ति पा लेता है।।
एक उदहारण अनुसार, कुम्भ लग्न की कुंडली में दूसरे भाव का स्वामी गुरु होता है और छठे भाव का स्वामी चन्द्र होता है ऐसी स्थिति में धन और कर्ज भाव का स्वामी गुरु और चन्द्र बनेगा दोनों ही शुभ ग्रह है ऐसी स्थिति में दूसरे भावेश गुरु और छठे भावेश चन्द्र का सम्बन्ध ज्यादा अशुभ नही होगा और जातक कभी किसी कारण वष कर्ज लेता भी है तो बहुत जल्दी चूका देता है क्योंकि दोनों ही आपस में शुभ सौम्य ग्रह है जबकि दोनों ही पाप या पाप क्रूर शत्रु ग्रह होते तो जातक को कर्ज के मामले में कष्ट देकर आर्थिक स्थिति को कमजोर बनाते जाते।।कर्ज मुक्ति उपाय, 2 और 6 भावेशों ग्रहो के बीच आपस में सम्बन्ध बन रहा हो उन ग्रहो के मन्त्र जप से उनकी शांति करनी चाहिए साथ ही ऋणहर्ता गणेश स्त्रोत, ऋण मोचन मंगल स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।पाठ और ग्रह मन्त्र जप करने के बाद कर्जे से मुक्ति मिले और आर्थिक स्थिति में सुधार की कामना करनी चाहिए।कर्ज से मुक्ति के लिए उपाय करना कर्ज मुक्ति के लिए बहुत सहायक होते है।