Holi 2025: अद्वितीय परंपरा और आयोजन की जानकारी
Holika Dahan: 13 मार्च की रात्रि में कब होलिका दहन होगा। होली कब खेली जाएगी। प्रतिपदा कब मनायी जाएगी। इस संबंध में बता रहे हैं पंडित देवेंद्र भट्ट गुरुजी।;
Holi 2025 News (Image From Social Media)
Holi 2025: होली का त्योहार आ गया है। सभी ओर एक उत्सव का माहौल दिख रहा है घरों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। बच्चे रंग और पिचकारी के लिए मचल रहे हैं। दुकानों पर भीड़ है। लेकिन कई स्थानों पर होलिका दहन की कब होगा इसे लेकर असमंजस है। 13 मार्च की रात्रि में कब होलिका दहन होगा। होली कब खेली जाएगी। प्रतिपदा कब मनायी जाएगी। इस संबंध में बता रहे हैं पंडित देवेंद्र भट्ट गुरुजी। आइए जानते हैं उनके विचार
होलिकादहन - फाल्गुनशुक्ल पूर्णिमा को होलिकादहन होता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि दिनांक १३/३/२५ गुरुवार को घट्यादि ९।५० (दि.१०/२) से प्राप्त है तथा दिनांक १४।३।२५ शुक्रवार को घट्यादि १२/४७(दि.११/१२) तक रहती है तथा प्रदोषकाल में पूर्णिमा नही है। अतः पूर्व दिन प्रदोषकाल मे पूर्णिमा तिथि की व्याप्ति से दिनांक १३।३।२५ गुरुवार को होलिकादहन भद्रा समाप्ति पश्चात रात्रि १०:४४ से होगा। विषेशः - (होलिका दहन मे भद्रा विचार) होलिकादहन के विषय में जितने भी पक्ष कहे गये है उनमें स्पष्ट है कि भद्रा में होलिकादहन कृत्य के निषेध का पालन करना चाहिये। “सा प्रदोषव्यापिनी भद्रारहितो ग्राह्यां'। प्रदोषव्यापिनी भद्रारहित पूर्णिमा होलिका के लिये ग्राह्य है। यदि पूर्णिमा का अवसान भद्रा में ही होता हैं तब भद्रा पुच्छ में होलिका दहन का निर्देश है जोकि निर्दोष माना गया है। यदि निशिथकाल के पश्चात भद्रा रहित शुद्धपूर्णिमा प्राप्त हो तो निशिथ के पश्चात भी भद्रा रहित शुद्ध पूर्णिमा में सूर्योदय से पूर्व होलिकादहन का कृत्य करना चाहिये। निष्कर्षत: १३ तारीख को रात्रि १०:४४ पश्चात होलिका दहन है।
होली- फाल्गुनकृष्ण पूर्णिमा को चैत्रकृष्ण प्रतिपदा तिथि दिनांक १४।३।२५ शुक्रवार को घट्यादि १२।४७(दि.११।१२) पर मध्याह्रव्यापिनि है तथा दिनांक १५।३।२५ शनिवार को घट्यादि १६।५२(दि. १२।३९) तक है। अतः पूर्व दिन सायाह्नकाल में चैत्रकृष्ण प्रतिपदा तिथि प्राप्ति से तथा दूसरे दिन सायंकाल में अभाववश दिनांक १४।३।२५ शुक्रवार को काशी परम्परानुसार होली तथा सायं चतुषष्ठी देवी की यात्रा होगी। काशी से अन्यत्र दिनांक १५।३।२५ शनिवार को पूर्वाह्न प्रतिपदा में होली वसन्तोत्सव मनाया जायेगा। सभी धर्मशास्त्र इस विषय पर एक मत हैं कि केवल काशी में होली रंगोत्सव फाल्गुन पूर्णिमा की होती है, काशी से अन्यत्र पूरे देश में होली चैत्र मास की प्रतिपदा को होती है जो इस वर्ष १५ मार्च को है।
उपर्युक्त निर्णय शास्त्र सम्मत हैं , स्थानीय जनता की मान्यता और प्राशासनिक आदेश भिन्न हो सकते हैं।
रंगों के त्यौहार की शुभकामनाएं।