Tuti Jharna Shiv Mandir Ramgarh Jharkhand: अद्भुत रहस्यमयी है टूटी झरना शिव मंदिर, यहां जरूर करें दर्शन, मिलता है चमत्कारी लाभ

Tuti Jharna Shiv Mandir Ramgarh Jharkhand :टूटी झरना शिव मंदिर रामगढ़ झारखंड: जानते हैं इस मंदिर के बारे में कहां है और कैसे पहुंच सकते हैं। शिवरात्रि पर दर्शन की महिमा आपार है....

Update:2023-02-18 08:37 IST

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Tuti Jharna Shiv Temple Ramgarh Jharkhand :

टूटी झरना शिव मंदिर रामगढ़ झारखंड

दुनिया में आश्चर्य की कमी नहीं है और आस्था के नाम पर कुछ अद्भुत घटे तो खुद-ब-खुद विश्वास होने लगता है। वैसे तो सबको पता है कि झारखंड राज्य में मां गंगा का प्रवेश नहीं है। जब से बिहार से अलग होकर झारखंड की सीमा बनी है, लेकिन यहां एक ऐसा मंदिर है जहां गंगा शिव का जलाभिषेक करती है।

झारखंड के रामगढ़ में एक मंदिर ऐसा है जिसे टूटी झरना नाम से जाना जाता है। यहां भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं खुद गंगा करती हैं। मंदिर की खास बात है कि यहां जलाभिषेक साल के 12 महीने और हर घंटे होता है। ये सब कई सालों से चला आ रहा है। महाशिवरात्रि पर यहां पर्यटकों की भीड रहती है। इसमंदिर का रहस्य अद्भुत है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग के ऊपर सालों भर जल की धारा गिरती रहती है।


 टूटी झरना मंदिर का इतिहास पुराना

वैसे तो ये मंदिर बहुत पुराना है। कहा जाता है कि जब 1925 में अंग्रेजों ने इस इलाके में रेलवे लाइन बिछाने और पानी के लिए खुदाई की तो उन्हें जमीन के अंदर मंदिर दिखा। उसके बाद पुरी खुदाई की गई और फिर ये मंदिर मिला।

टूटी झरना मंदिर में गंगा सदियों से करती आ रही जलाभिषेक

मान्यता है कि शिवलिंग पर कोई और जलाभिषेक नहीं करता। मां गंगा स्वयं भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं। शिवलिंग पर निरंतर बहती जलधारा से लोगों में हमेशा रोमांच बना रहता है कि आखिर यह जल अपने आप कहां से आता है। वैज्ञानिकों ने भी इसे जानने का प्रयास किया, लेकिन अब तक कोई विशेष जानकारी हासिल नहीं हो पायी है।

इस मंदिर के अंदर विराजमान दिखे लिंग रुप में भोले बाबा और उसके ऊपर मिली गंगा की सफेद प्रतिमा। उसी समय से इस प्रतिमा के नाभी से जल निकलता हुआ दिया था और ये अब भी जारी है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है। मंदिर के अंदर गंगा की प्रतिमा से खुद पानी का निकलना एक अबुझ पहेली है।

टूटी झरना मंदिर परिसर में  हैंडपंप से खुद गिरता है पानी

इतना ही नहीं यहां लगाएं दो हैंडपंप का पानी भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है। हैंडपंप से पानी बिना चलाए खुद ब खुद गिरता है। एक और बात जहां इन हैंडपंप से पानी गिरता है, वहीं मंदिर के पास एक नदी है जो सुखी रहती है।

लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है। भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं। भक्‍तों का कहना है कि यहां प्रसाद रूप में मिलने वाले जला को ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है।शिवरात्रि के दिन यहां बहुत भीड़ लगती है। 

 टूटी झरना के इस प्राचीन शिव मंदिर को धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां दिसंबर से लेकर जनवरी तक पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लोग मंदिर में पूजा के साथ-साथ मंदिर के आस-पास पिकनिक मनाने के लिए भी पहुंचते हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं।अब तो यहां शादी विवाह भी होने लगे है। आसपास अच्छे होटल और बैंकेट हॉल भी है। यहां रेल, बस और हवाई मार्ग के साथ खुद के वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। हवाई मार्ग के लिए रांची आना होगा और वहां से सड़क से आसानी से इस मंदिर का दर्शन कर सकते हैं।

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