Vijaya Ekadashi vrat 2022: विजया एकादशी व्रत कब ज्यादा उपयुक्त 26 या 27 फरवरी?

Vijaya Ekadashi vrat 2022: एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। दो दिनों तक विजया एकादशी रहेगी ।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
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Update:2022-02-26 09:50 IST
Vijaya ekadashi vrat 2022

विजया एकादशी  (फोटो : सोशल मीडिया ) 

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Vijaya Ekadashi vrat 2022: हिंदू धर्म में एकादशी का बड़ा महत्व है । आज के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है । अगर पूरी विधि विधान से पूजा की जाए तो सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है साथ ही धान लाभ होता है ।

बता दें, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2022) कहा जाता है । इस बार दो दिनों तक विजया एकादशी रहेगी 26 फ़रवरी और 27 फ़रवरी 2022 । लेकिन अभी भी लोगों को ये कंफ्यूजन हैं है कि आखिर उन्हें किस दिन विजया एकादशी का व्रत (Vijaya Ekadashi Vrat 2022) रखा है । तो आइए दूर करते हैं आपकी समस्या को और जानते हैं कब रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत?

किस दिन रखा जाए विजया एकादशी का व्रत?

विजया एकादशी की शुरुआत 26 फ़रवरी की सुबह 10 बजकर 39 मिनट से होगी और समाप्त 27 फ़रवरी की सुबह 8:12 मिनट पर । उदया तिथि के हिसाब से इस व्रत को रखा जाता है। जिसके हिसाब से 27 फ़रवरी को ये व्रत रखा ज्यादा उपयुक्त होगा ।

आज और कल के दिन किन बातों का रखा होगा ध्यान ?

व्रत रखा इस दिन अच्छा माना जाता है । लेकिन अगर आप व्रत नहीं रख सकते , या काम काज वाले लोग हो तो एक वेला सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं । इस दिन चावल और भारी खाद्य का सेवन ना ही करे तो बेहतर होगा ।

विजया एकादशी पर ये उपाए लाभदायक ..

विशेष कामना के लिए करें ये पूजा

अगर आपकी कोई वेशेष कामना हो तो सुबह स्नान कर के सूर्य देव को गंगाजल अर्पित अर्पित ज़रूर करें । जिसके बाद आप भगवान राम की पूजा करें । ॐ सिया पतिये राम रामाय नमः मंत्र का जाप करें ।

संतान प्राप्ति ले लिए करें ये पूजा

संतान प्राप्ति चाहते हैं तो एकादशी के दिन पति पत्नी मिलकर भगवान की पूजा करें । चांदी के लौटे में दूध और मिश्री मिलाकर पीपल पर अर्पित करना ना भूलें ।

नौकरी की तलाश करने वालों के लिए

अगर आप नौकरी की तलाश में हैं और अब तक आपकी नौकरी नहीं लगी हो तो आप एकादशी के दिन कलश पर आम का पल्लव रखें के साथ जौ से भरा पात्र रखें और दीपक जलाए । विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा करें साथ ही ॐ नारायणाय लक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करें ।

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