Vinayak Chaturthi 2022: विनायक चतुर्थी कब, इस दिन भूलकर भी नहीं करें चंद्र दर्शन, लग सकता है कलंक
Vinayak Chaturthi 2022 Date and Time: हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि भको गवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने और विधि विधान से पूजा-अर्चना करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं।
Vinayak Chaturthi 2022: हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि भको गवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने और विधि विधान से पूजा-अर्चना करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। वैगन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस साल 27 नवंबर के दिन पड़ रही है। ऐसे में इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस दिन गणेश जी की पूजा दोपहर 12 बजे से पहले कर लेना उत्तम माना गया है।
दरअसल शास्त्रों के अनुसार विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन को अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन गलती से भी चंद्रोदय नहीं देखना चाहिए ही बेहतर रहता है। ऐसा कहा भी जाता है कि अगर आप विनायक चतुर्थी पर चांद के दर्शन करते हैं तो आपको झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।तो आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और मुहूर्त के बारे में:
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 नवंबर 2022 को शाम 07 बजकर 28 मिनट से शुरू हो रहा है और अगले दिन 27 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा। ऐसे में उदय तिथि के आधार पर 27 नवंबर को ही विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा।
इस दिन व्रत रखने वाले साधक बप्पा की पूजा सुबह 11 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपबर 01 बजकर 12 मिनट के बीच में कर लेना चाहिए क्योंकि इसे उदया तिथि का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी व्रत, पूजा और शुभ कार्य शुभ योग में करना अच्छा माना जाता है. ऐसे में विनायक चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है. इस योग में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य शुभ माना गया है. बता दें कि 27 नवंबर को रवि योग सुबह 06 बजकर 53 से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से लेकर 28 नवंबर 2022 सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक है.
आपको बता दें कि इस दिन भगवान गणेश की उपासना कर व्रत रखने से घर में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। ऐसे में इस दिन गणेश जी की विधिवत्त पूजा करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी के इस मंत्र ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपत्ये वरद वरद सर्वजन हृदये स्तम्भय स्वाहा, ॐ ग्लौं गं गणपतये नमः का कम से कम 51 बार जाप करें।