तमाम लोग पूजा-पाठ तो काफी करते हैं, लेकिन उनकी मनोकामनाएं अधूरी ही रह जाती हैं। पुराणों आदि कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जो पाप हैं। जो व्यक्ति ये पाप करता है, उसे किसी भी देवी-देवता की कृपा नहीं मिल पाती है और जीवन में दुख बना रहता है।
ध्यान रखें कभी भी गर्भवती या मासिक धर्म के दौरान किसी महिला को बुरा बोलना, अपमान करना महापाप है। ये पाप करने वाले व्यक्ति को कभी भी सुख नहीं मिल पाता है।
दूसरों का धन पाने की इच्छा करना भी शास्त्रों के अनुसार पाप है।
किसी सीधे-साधे इंसान को या जीव को कष्ट देना, नुकसान पहुंचाना, उनके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना भी पाप है।
अच्छा-बुरा, सही-गलत जानने और समझने के बाद भी गलत काम करना पाप है।
पराए स्त्री-पुरुष पर बुरी नजर रखना या उन्हें पाने की कोशिश करना या उनके बारे में गलत सोचना भी पाप है।
दूसरों के मान-सम्मान को नुकसान पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना, छल-कपट करना, षडय़ंत्र रचना पाप है।
छोटे बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर व्यक्ति या जीव के खिलाफ हिंसा करना, असामाजिक कर्म करना भी पाप है।
किसी मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से दूसरों की संपत्ति हथियाना भी पाप है।
गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान करने वाले को शिवजी कभी क्षमा नहीं करते हैं।
नशा करना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप है। किसी भी प्रकार के अधर्म में भागीदार बनना पाप है।