Yogini Ekadashi 2021: समस्त पापों का नाशक व्रत योगिनी एकादशी, जानिए किस दिन है सही मुहूर्त
योगिनी एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली संसार के मोह माया में डूबे हुए प्राणियों को पार लगाने वाली नाव के समान है।
योगिनी एकादशी 2021: एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु का सान्निध्य प्राप्त होता है। हर माह के दो पक्षों की एकादशी की पूजा और उपासना करने से मुक्ति का मार्ग खुलता है। 24 एकादशियों में आषाढ़ की योगिनी एकादशी का अपना महत्व है। इस साल योगिनी एकादशी व्रत 5 जुलाई को है। इस दिन श्रीविष्णु की पूजा विधि-विधान से करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।
पुराणों में आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा गया है। इस बार योगिनी एकादशी 5 जूलाई सोमवार के दिन मनाई जा रही है। इस दिन भगवान श्रीहरि की पूजा-उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य-प्रताप से पापकर्मों के पाश से मुक्ति मिलती है। साथ ही भौतिक जीवन में सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं।
योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
इस बार योगिनी एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः काल है। इसके बाद चौघड़िया तिथि देखकर पूजा आराधना कर सकते हैं। योगिनी एकादशी की तिथि
- योगिनी एकादशी का आरंभ: 4 जुलाई 07.55 PM से 5 जुलाई 10.30 PM
- योगिनी एकादशी का समापन: 5 जुलाई 10.30 PM से 7 जुलाई 01.02 AM
- ब्रह्म मुहूर्त : 04:14 AM – 05:02 AM
- अमृत काल : 06:47 AM – 08:35 AM
- अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM – 12:58 PM
- पारना: 06:47 AM से 08:35 AM से 09.11 AM से 10.51 AM तक
योगिनी एकादशी महत्व
- योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए वस्त्र ,चन्दन ,जनेऊ ,गंध, अक्षत ,पुष्प , धूप-दीप नैवेध,पान-सुपारी चढ़ाकर करनी चाहिए। इससे श्रीहरि की कृपा बरसती है।
- विष्णु पुराण,पद्म पुराण व भागवद् के अनुसार योगिनी एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली संसार के मोह माया में डूबे हुए प्राणियों को पार लगाने वाली नाव के समान है।
- भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता में एकादशी के महत्व को बताया है। इस व्रत को करने से गौदान और 88 हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। इसका उल्लेख तीनों लोकों में है।