Alternative Fuel Cars Sales: तेज़ी से बढ़ रहा वैकल्पिक ईंधन वाली कारों का चलन, ग्राहकों को लुभा रही ये कारें, जानिए डिटेल

Alternative Fuel Cars Sales: महानगरों में बिकने वाली हर 5 में से 1 इलेक्ट्रिक कार, हाइब्रिड या CNG कार होती है। सिर्फ यही नहीं ये कारें अपनी खूबियों के चलते सुनहरे और टिकाऊ भविष्य के साथ लंबी रेस का घोड़ा भी साबित हो रहीं हैं।

Report :  Jyotsna Singh
Update:2023-10-01 08:32 IST

Alternative Fuel Cars Sales (Photo - Social Media)

Alternative Fuel Cars Sell: बढ़ती प्रदूषण की समस्या और तेज़ी से घटते ईंधन के स्रोतों के चलते अब ऑटो मेकर कंपनिया सरकार द्वारा चलन में लाए जा रहे ईंधन के विकल्पों को दिल खोल कर अपना रहीं हैं। पर्यावरण अनुकूल इन ईंधन विकल्पों की कीमत की बात करें तो तुलनात्मक रूप से इनकी कीमत भी दूसरे मौजूदा विकल्पों से काफी कम है। यही वजह है कि पेट्रोल-डीजल के दाम अधिक होने के कारण वैकल्पिक ईंधन से चलने वाली कारें पिछले 3 साल में दोगुना से भी ज्यादा बढ़ गई है।

महानगरों में बिकने वाली हर 5 में से 1 इलेक्ट्रिक कार, हाइब्रिड या CNG कार होती है। सिर्फ यही नहीं ये कारें अपनी खूबियों के चलते सुनहरे और टिकाऊ भविष्य के साथ लंबी रेस का घोड़ा भी साबित हो रहीं हैं। आइए जानते हैं वैकल्पिक ईधन की बढ़ती डिमांड से जुड़ी जानकारियों के बारे में-

सड़कों पर तेज़ी से बढ़ रही इसकी मौजूदगी

आगामी भविष्य के लिए बेहतरीन विकल्प के तौर पर चलन में आ चुके वैकल्पिक ईंधन के स्रोतों से चलने वाले वाहनों के बढ़ते आंकड़ों की बात करें तो

2020 की तुलना में इस साल शहरी इलाकों में तेजी से इस इन गाड़ियों की संख्या 4.68 प्रतिशत से बढ़कर 12.95 प्रतिशत हो गई है। वहीं इस मामले में ग्रामीण इलाको का आंकड़ा कहीं से कम नहीं है। इन पिछड़े, ग्रामीण इलाको में वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल प्रति 3.75 फीसदी से बढ़कर 8.39 फीसदी पर पहुंच गया है।

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वैकल्पिक ईंधन में आते हैं ये मॉडल

वैकल्पिक ईंधन में ये मॉडल जीत 8ôऑटोमोटिव कंसल्टेंसी जाटो के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 साल के दौरान शहरी और बीएमग्रामीण क्षेत्रों में डीजल और यू 6पेट्रोल वाहनों की संयुक्त हिस्सेदारी में क्रमशः 8.27 फीसदी और 4.64 7 की गिरावट दिल्ली जा रही है।

जानकारों मनाना है कि इसके पीछे वैकल्पिक ईंधन से संचालित मॉडल्स के अधिक विकल्प, CNG फ्यूल स्टेशन और EV चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार की सुविधाओं ने मौजूदा वक्त में ग्राहकों को आकर्षित करने का काम कर रहीं हैं।

इसके अलावा पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में बढ़ती जागरूकता से भी ग्राहकों की मानसिकता बदली है।

क्या कहते हैं टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा

वैकल्पिक ईंधन के स्रोतों की मौजूदगी ने डीजल इंजन वाहनों को सबसे ज्यादा पीछे धकेलने का काम किया है। इसको लेकर टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, कंपनी की कुल बिक्री में डीजल संचालित वाहनों की हिस्सेदारी 88 फीसदी से घटकर 15 फीसदी रह गई है। "डीजल संचालित वाहनों की बिक्री में गिरावट आ रही है। हम 2040 तक पूरी तरह से भी इलेक्ट्रिक वाहनों का ही निर्माण करेंगे।" इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कंपनी अगले कुछ महीनों में 6 EV पेश करने पर विचार कर रही है।

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