जातीय जनगणना पर गरमाई बिहार की सियासत, जदयू ने भी किया राजद की मांग का समर्थन
राष्ट्रीय जनता दल के बाद एनडीए में भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने भी मांग की है कि जनगणना के दौरान जातीय आंकड़े भी जुटाए जाने चाहिए।
नई दिल्ली: जातीय जनगणना के मुद्दे (caste census issue) पर बिहार (Bihar) की सियासत लगातार गरमाती जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बाद एनडीए (NDA) में भाजपा के सहयोगी दल जदयू (JDU) ने भी मांग की है कि जनगणना के दौरान जातीय आंकड़े भी जुटाए जाने चाहिए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह ओबीसी (OBC) की जनगणना क्यों नहीं करना चाहती।
जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि किसी भी योजना को बनाने का आधार जनसंख्या ही होती है। इसलिए जनगणना के दौरान विभिन्न जातियों के लोगों की संख्या का भी खुलासा किया जाना चाहिए। जाप मुखिया और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरा है।
तेजस्वी ने भाजपा और जदयू को घेरा
बिहार में जातीय मतगणना की मांग नई नहीं है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस बाबत कई बार मांग कर चुके हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि देश में कुत्ते-बिल्ली तक की गणना की जाती है मगर सरकार विभिन्न जातियों के लोगों की गिनती नहीं करना चाहती। केंद्र सरकार का कहना है कि जनगणना में केवल एससी-एसटी के आंकड़े जारी किए जाएंगे। सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि जातीय मतगणना के आंकड़े नहीं जारी किए जाएंगे। सरकार के इस ऐलान के बाद बिहार की सियासत भी गरमा गई है।
पूर्व डिप्टी सीएम नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा और जदयू पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के दोनों सदनों में भाजपा जातीय जनगणना का समर्थन करती है मगर संसद में इस पार्टी के नेताओं की आवाज गुम हो जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती।
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा यह बताए कि उसे पिछड़ों और अति पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है कि वह इस वर्ग से जुड़े हुए आंकड़ों को जारी नहीं करना चाहती। तेजस्वी ने कहा कि जातीय जनगणना के लिए राजद ने लंबी लड़ाई लड़ी है और हम आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता लालू हमेशा यह मांग दोहराते रहे हैं और पार्टी इसके लिए संघर्ष जारी रखेगी।
जदयू ने भी राजद के सुर में सुर मिलाया
भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने भी जनगणना में जातीय आंकड़ों को शामिल करने की मांग की है। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना का प्रकाशन काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी योजना का आधार जनसंख्या ही होती है। इसलिए जनगणना में जाति का कालम जरूर रखा जाना चाहिए और बाद में इसके आंकड़े जारी किए जाने चाहिए।
जातीय आंकड़ों के खुलासे से लोगों को यह पता चल सकेगा कि देश में किस जाति के कितने लोग रहते हैं। कुशवाहा ने कहा कि हम ही नहीं बल्कि देश की शीर्ष अदालत ने भी कई बार इस बात पर जोर दिया है। अन्य अदालतें भी समय-समय पर इस बात को कहती रही हैं। उन्होंने कहा कि जब किसी जाति के लोगों की संख्या ही पता नहीं होगी तो उन्हें लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं कैसे बनाई जाएंगी। ओबीसी से वर्ग के लोगों की असली संख्या के आंकड़े जारी किए जाने चाहिए ताकि प्रदेश और केंद्र सरकार उनकी तरक्की के लिए कदम उठा सकें।
पप्पू यादव का मोदी सरकार पर हमला
जाप मुखिया और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी ओबीसी वर्ग से जुड़े लोगों की गणना कराने की मांग की है। उन्होंने जातीय जनगणना न कराने के केंद्र सरकार के फैसले पर तंज भी कसा है उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह जातीय जनगणना से दूर क्यों भाग रही है। जातीय जनगणना से ओबीसी की असली संख्या का पता चल सकेगा और सरकार की ओर से इस वर्ग से जुड़े लोगों की मदद संभव हो सकेगी मगर सरकार अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रही है।
बिहार की सियासत में जातीय मुद्दा बड़ी भूमिका अदा करता है। यही कारण है कि सभी दल इस मुद्दे पर एक सुर में राग अलाप रहे हैं। भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने भी जातीय जनगणना की मांग उठाकर भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश की है।