मोबाइल गेम की चीनी कंपनी ने भारत से कारोबार समेटा

Business News: चीन की एक कंपनी की हिस्सेदारी वाली ‘सी लिमिटेड’ ने अपनी लॉन्चिंग के कुछ ही महीने बाद भारत में अपना मुख्य ई-कॉमर्स ऑपरेशन बंद कर दिया है। कंपनी ने इस स्थिति के लिए बाजार की अनिश्चितताओं को दोषी ठहराया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-03-28 19:26 IST

टेक्नोलॉजी कंपनी टेंसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड। (Social Media)

Business News: चीन की एक कंपनी की हिस्सेदारी वाली 'सी लिमिटेड' ने अपनी लॉन्चिंग के कुछ ही महीने बाद भारत में अपना मुख्य ई-कॉमर्स ऑपरेशन बंद कर दिया है। कंपनी ने इस स्थिति के लिए बाजार की अनिश्चितताओं को दोषी ठहराया है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने शोपी इंडिया (Shopee India) के भारत से बाहर निकलने का स्वागत किया है।

सी लिमिटेड' ने भारत को अलविदा कहा

चीन की टॉप टेक्नोलॉजी कंपनी टेंसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड (Tencent Holdings Limited) के आंशिक स्वामित्व वाली 'सी लिमिटेड' ने भारत को अलविदा कह दिया है। 'सी' की भारत में लौन्चिंग पिछले साल अक्टूबर में हुई थी और भारतीय यूनिट का नाम 'शोपी इंडिया' रखा गया था। हाल ही में भारत सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए, 'सी लिमिटेड' के सबसे लोकप्रिय मोबाइल गेम 'फ्री फायर' पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब कंपनी ने घोषणा की है कि 29 मार्च से शोपी इंडिया बंद कर दी जायेगी लेकिन इससे पहले सभी आर्डर पूरे किये जायेंगे और कंपनी की वापसी के दौरान स्थानीय व्यापारियों का सपोर्ट किया जायेगा। शोपी ने एक बयान में कहा कि उसके अन्य वैश्विक परिचालन अप्रभावित हैं।

सिंगापुर (Singapore) स्थित 'सी' के लिए शटडाउन एक और झटका है। अक्टूबर में अपने पीक पर पहुँचने के बाद कम्पनी के शेयर मूल्य का दो-तिहाई या 130 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है क्योंकि निवेशकों का इसकी विकास संभावनाओं पर भरोसा कम हुआ है। फिर भी, भारतीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा था, अक्टूबर में 10 लाख की तुलना में इस महीने उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.2 करोड़ थी।

भारत में ऑपरेशन बंद करने का निर्णय

'सी' ने अपने बयान में जोर दिया कि राजनीतिक कारकों के बजाय "वैश्विक बाजार अनिश्चितताओं" के कारण भारत में ऑपरेशन बंद करने का निर्णय लिया गया। 'सी' 2017 में सार्वजनिक कंपनी हो गयी थी और गेमिंग, ई-कॉमर्स और वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने की क्षमता के आधार पर दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई। फरवरी में फ्री फायर पर प्रतिबंध लगाने के नई दिल्ली के फैसले ने भू-राजनीतिक तनावों के साथ-साथ अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड के 'लाजादा' जैसे प्रतिद्वंद्वियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से 'सी' की बाजार चुनौतियों को उजागर किया।

चीन में जन्मे फॉरेस्ट ली ने की थी 'सी' स्टार्टअप की स्थापना

'सी' स्टार्टअप की स्थापना चीन में जन्मे फॉरेस्ट ली ने की थी। वह अब सिंगापुर के नागरिक हैं। 'सी' चीनी सोशल मीडिया दिग्गज टेनसेंट को अपना सबसे बड़ा शेयरधारक मानता है। दिसंबर में भारत में इस कंपनी ले लगभग 300 कर्मचारी और 20,000 स्थानीय विक्रेता थे।

विश्लेषकों के अनुसार, भारत से हटने के बाद 'सी' का मार्केटिंग और रिसर्च खर्च लैटिन अमेरिका की ओर हो जाएगा। कंपनी को ब्राजील से चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी का योगदान मिला था। इस महीने की शुरुआत में 'सी' ने कहा था कि वह दक्षिण पूर्व एशिया, ताइवान और ब्राजील पर ध्यान केंद्रित करेगा, और यूरोप में अपना पहला कदम रखेगा।

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