India-US CEO Forum की बैठक में भारत और अमेरिका के वाणिज्य मंत्री शामिल, कई मुद्दों पर चर्चा

India-US CEO Forum: बैठक में दोनों पक्षों के कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने दोनों देशों की सरकारों की सराहना की और कहा कि उन्होंने परिवर्तनशील सुधार क्रियान्वित किये तथा द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने की पहल की।

Written By :  Viren Singh
Update:2022-11-10 17:47 IST

India-US CEO Forum (सोशल मीडिया)  

India-US CEO Forum: भारत के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जिना रायमॉन्डो ने गुरुवार को 'इंडिया-यूएस सीईओ फोरम' की संयुक्त रुप से अध्यक्षता की। दोनों वाणिज्य मंत्रियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की। इसके अलावा सीईओ फोरम में भारत और अमेरिका स्थित अग्रणी कंपनियों के सीईओ भी शामिल हुए, जिसमें सह-अध्यक्ष टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन और लॉकहीड मार्टिन के अध्यक्ष व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स टायक्लेट रहे।

पुर्नगठन के बाद 6वीं बैठक

बता दें कि 'इंडिया-यूएस सीईओ फोरम' का पुर्नगठन 2014 में किया गया था। उसके बाद से यह सीईओ फोरम' की छठवीं बैठक थी। फोरम सेक्टर सम्बंधी प्रमुख विषयों पर संवाद के साथ दोनों अर्थव्यवस्थाओं के परस्पर लाभ के सम्बंध में नजदीकी सहयोग के क्षेत्रों की पहचान के लिये एक मंच के रूप में काम कर रहा है।

दोनों पक्षों के सीईओ ने सरकार की नीतियों सराहा

बैठक में भारत के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका आर्थिक सम्बंधों का आधार निरंतरता, उभरती प्रौद्योगिकियां, वैश्विक रूप से सकारात्मक आपूर्ति श्रृंखला और छोटे व्यापार हैं। उन्होंने इस गति को बनाये रखने के लिये ऐसे संवादों को उपयोग करने के महत्त्व को भी दोहराया। वहीं, दोनों पक्षों के कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने दोनों देशों की सरकारों की सराहना की कि उन्होंने परिवर्तनशील सुधार क्रियान्वित किये तथा द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने की पहल की।

सीईओ ने दी प्राथमिक क्षेत्रों के बारे में जानकारी

बैठक में सात कार्य-समूहों के अंतर्गत मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने मजबूत साझेदारी और विभिन्न महत्त्वपूर्ण सेक्टरों में प्रगति को बढ़ावा देने के लिये प्राथमिक क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। इसमें उद्यमिता, छोटे व्यापारों को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य-सुविधा और औषधि, एयरोस्पेस व रक्षा, आईसीटी व डिजिटल अवसंरचना, ऊर्जा, जल व पर्यावण, अवंसरचना व निर्माण, वित्तीय सेवायें, कारोबार व निवेश आदि शामिल हैं।

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