Indian GDP : भारत की जीडीपी ग्रोथ होगी कमजोर, गोल्डमैन सैक्स का अनुमान
Indian GDP : बैंक के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि मौजूदा वर्ष में जीडीपी अनुमान में कटौती अप्रैल जून तिमाही में लंबे समय तक चले लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार के खर्च में साल दर साल आई 35 फीसदी की कमी के चलते लिया गया है।
Indian GDP : गोल्डमैन सैक्स ग्रुप ने साल 2024 और 2025 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान को घटाने का फैसला किया है। बैंक ने ये फैसला सरकार के खर्चे में कमी के चलते ये लिया है। गोल्डमैन सैक्स ने 20 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए 2024 में जीडीपी के 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
बैंक का मानना है कि अगले वर्ष 6.4 फीसदी के दर से भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। बैंक के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि मौजूदा वर्ष में जीडीपी अनुमान में कटौती अप्रैल जून तिमाही में लंबे समय तक चले लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार के खर्च में साल दर साल आई 35 फीसदी की कमी के चलते लिया गया है। अगले साल ग्रोथ रेट पर इसलिए असर पड़ेगा क्योंकि सरकार के बजट में वित्तीय घाटे को जीडीपी के 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है।
रिपोर्ट की खास बातें
- भारतीय रिजर्व बैंक के अनसिक्योर्ड लेंडिंग पर सख्ती के चलते घरेलू कर्ज लेने की रफ्तार की गति धीमी पड़ जाएगी जिसके चलते खपत में कमी आ सकती है और इसका असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है।
- गोल्डमैन सैक्स ने दिसंबर 2024 से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पॉलिसी दरों में कटौती की उम्मीद जताई है जिससे जीडीपी ग्रोथ रेट में अगले वर्ष होने वाली कमी को कुछ हद तक टाला जा सकेगा।
- गोल्डमैन सैक्स ने 2024 में जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. जबकि रिजर्व बैंक ने 8 अगस्त 2024 को जारी मौद्रिक नीति में वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी के 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
- बजट से पहले 2023-24 के पेश हुए आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी 6.5 - 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
रेटिंग एजेंसी का भी यही अनुमान
एक अन्य रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सरकारी पूंजीगत व्यय में कमी तथा शहरी उपभोक्ता मांग में नरमी से भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अप्रैल-जून तिमाही में छह प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह पिछली छह तिमाहियों में सबसे कम है।
इक्रा को समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी की दर के 6.8 प्रतिशत पर रहने उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज 8.2 प्रतिशत से कम है।