Electric Two Wheelers: ई-दोपहिया में बिक्री से बाजार हुआ गुलजार, FY23 में 7 लाख से अधिक बिके वाहन, इसने मारी बाजी

Electric Two Wheelers: घरेलू बाजार में भारतीय E2W ग्राहकों ने पिछले वित्त वर्ष में औसतन करीब 60 हजार प्रति माह इलेक्ट्रिक वाहन खरीद हैं। ओला इलेक्ट्रिक के बॉस भाविश अग्रवाल ने कहा था कि ईवी का भविष्य प्रौद्योगिकी-आधारित होने जा रहा है और दो या तीन प्रमुख प्रौद्योगिकियां हैं, जो इसे परिभाषित करेंगी।

Update:2023-04-15 21:30 IST
Electric Two Wheelers (सोशल मीडिया)

Electric Two Wheelers: पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान पर अब लोग इससे निजात पाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की ओर परिवर्तित करने लगे हैं। देश में अधिकांश लोगों अपने यातायात के दो पहिया वाहन का अधिक उपयोग करते हैं, इस वजह से देश में दिन पर दिन ई-बाइकों और स्कूटर की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसका एक ताजा उदाहरण Redseer की नवीनतम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रिपोर्ट में देखने को मिला है। रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल की तुलना में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन इस 3 गुना अधिक बिक्री हुई है। ईवी बिक्री के सेगमेंट में ओला टॉप पर रही है।

22 फीसदी बिक्री के साथ इस कंपनी ने मारी बाजी

Redseer की नवीनतम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, FY23 में देश में करीब 7.3 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया (E2W) बेचे गए, जो FY22 में बेची गई मात्रा से 3 गुना अधिक है। इस बिक्री में 22 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ ओला इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अग्रणी बनी हुई है। इतना ही मार्च तिमाही में ओला की हिस्सेदारी ई सेगमेंट में 22 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी पर पहुंच गई। हाल ही में एक मीडिया से बातचीत में ओला इलेक्ट्रिक के बॉस भाविश अग्रवाल ने कहा था कि ईवी का भविष्य प्रौद्योगिकी-आधारित होने जा रहा है और दो या तीन प्रमुख प्रौद्योगिकियां हैं, जो इसे परिभाषित करेंगी। एक है सॉफ्टवेयर और दूसरा है एनर्जी और सेल। हमारे पास दोनों में विशेषज्ञता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए, एक बार जब हम इन तकनीकों में महारत हासिल कर लेते हैं और एक प्लेटफॉर्म का निर्माण कर लेते हैं, तो हम आसानी से इस पर विभिन्न उत्पाद खंड बना सकते हैं। एक बार जब हमारी आपूर्ति श्रृंखलाएं इन मुख्य तकनीकों पर बड़े पैमाने पर निर्मित हो जाती हैं, तो किसी के लिए भी प्रतिस्पर्धा करना बहुत कठिन हो जाएगा। कुल मिलाकर भारत के ईवी बाजार को कई कारकों से लाभ हुआ है। इसमें टेक-फर्स्ट, न्यू-एज ओईएम का प्रवाह शामिल है, जो सीधे जेन जेड और मिलेनियल खरीदारों तक पहुंच रहे हैं। इसके साथ, ईवी को लेकर सरकारी सहायता और आधुनिक वाहन डिजाइन ग्राहकों को उन वाहनों को अपनाने को प्रेरित कर रही हैं।

हर माह बिके 60 हजार वाहन

रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू बाजार में भारतीय E2W ग्राहकों ने पिछले वित्त वर्ष में औसतन करीब 60 हजार प्रति माह इलेक्ट्रिक वाहन खरीद हैं। रेडसीर ने कहा, मांग पक्ष पर, ईंधन की बढ़ती कीमतें और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ती जागरूकता ने मांग में तेजी लाई है। वहीं, इस दशक में E2W अपनाने का अनुमान तेजी से बढ़ने का अनुमान है। Redseer का अनुमान है कि E2W की पैठ अगले तीन वर्षों में घरेलू बाजार में 30 प्रतिशत और 2030 तक 75 प्रतिशत को पार कर जाएगी।

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