NGO Oxfam Ki Report: अमीर होंगे और अमीर, गरीबों की हालत पतली, कई देशों में हो सकती है उथल पुथल
NGO Oxfam: भारत के शहरी क्षेत्रों में कुल संपत्ति का 55.7% और ग्रामीण क्षेत्रों में 50.8% का मालिकाना हक 10% अमीर लोगों के पास है।
NGO Oxfam: गैर सरकारी संस्था ऑक्सफैम की रिपोर्ट कहती है कि भारत के 100 अरबपतियों की संपत्ति में मार्च 2020 के बाद की अवधि में 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इतनी राशि का वितरण अगर देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए तो इनमें से हर व्यक्ति को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमीर लोग और अमीर हो रहे हैं। गरीब और गरीब हो रहे हैं, उन्हें इससे निकलने में वर्षों लग सकते हैं। ऑक्सफैम का कहना है कि लोगों को कोरोना संकट के पूर्व के लेवल पर ले जाने में एक दशक से ज्यादा का समय लग सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच दुनिया भर के अरबपतियों की कुल संपत्ति 3.9 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 11.95 लाख करोड़ डॉलर पहुंच गया है।
एक्सपर्ट का कहना है कि अमीरों के पास दौलत का कंसन्ट्रेशन अभी और होगा। इन हालातों के चलते विश्व के कई देशों में उथलपुथल भी हो सकती है। आर्थिक असमानता का भारी दबाव चीन जैसे सख्त कंट्रोल वाले देश में दिख रहा है और चिंतित सरकार नए नए उपाय कर रही है। मुमकिन है कि सामाजिक असंतोष को दबाने या दूर करने के लिए चीन जैसे कदम अन्य देशों में भी दिखने लगें।
भारत में दस फीसदी के हाथ में खजाना
भारत की बात करें यहां स्थिति काफी चिंताजनक है। नेशनल सैंपल सर्वे के ऑल इंडिया के एक डेटा से पता चला है कि भारत के शहरी क्षेत्रों में कुल संपत्ति का 55.7 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 50.8 प्रतिशत का मालिकाना हक 10 प्रतिशत अमीर लोगों के पास है।वहीं कम सुविधा संपन्न 50 प्रतिशत लोगों के पास लगभग 10 प्रतिशत संपत्ति का मालिकाना हक है। इस सर्वे में संपत्ति का कैलकुलेशन परिवार के स्वामित्व वाली हर चीज की कीमत तय कर की गई है। इनमें भौतिक संपत्ति जैसे जमीन, घर, पशुधन और वाहन के साथ-साथ बैंकों और डाकघर में जमा पैसे और कंपनियों में शेयर आदि को शामिल किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 274 करोड़ की संपत्ति
जनवरी से दिसंबर, 2019 के बीच किए गए इस सैंपल सर्वे में पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 274.6 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जिसमें से 139.6 लाख करोड़ के मालिक 10 प्रतिशत सबसे अमीर लोग थे। ग्रामीण क्षेत्रों में निचले 50 प्रतिशत के पास 10.2 प्रतिशत संपत्ति थी। शहरों में यह दरार और भी चौड़ी है। शहरों में निचले 50 प्रतिशत लोगों के पास कुल संपत्ति के केवल 6.2 प्रतिशत भाग का मालिकाना हक था।
दिल्ली - पंजाब में सबसे ज्यादा अंतर
दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में अमीरों और गरीबों के बीच अंतर और भी बड़ा है। दिल्ली की कुल संपत्ति में से 80.8 प्रतिशत पर 10 प्रतिशत लोगों का हक है, जबकि नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के पास सिर्फ 2.1 प्रतिशत संपत्ति है। पंजाब में भी अमीर गरीब के बीच बड़ा अंतर साफ नजर आता है। यहां के 10 प्रतिशत अमीर लोगों के पास 65 प्रतिशत संपत्ति है, जबकि निचले 50 प्रतिशत के पास महज 5 प्रतिशत संपत्ति है। उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी अमीर और गरीबों के बीच संपत्ति को लेकर बड़ा अंतर है। वहीं जम्मू-कश्मीर में यह अंतर सबसे कम है। यहां सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास 32 प्रतिशत और निचले 50 प्रतिशत के पास 18 प्रतिशत संपत्ति है।
विश्व में आर्थिक असमानता तेजी से फैल रही है
ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश के 70 प्रतिशत लोगों के कुल धन से चार गुना धन अमीर लोगों के पास है। जबकि भारत के अरबपतियों का कुल धन देश के एक साल के बजट से भी ज्यादा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि पूरे विश्व में आर्थिक असमानता तेजी से फैल रही है और अमीर लोग आम लोगों के मौके हथिया रहे हैं।