महंगाई के लिए रहें तैयार, अभी और बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें क्या है वजह
Petrol Ka Dam: अभी आम जनता को पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। बल्कि आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी।
Petrol Ka Dam: देश में लगातार पेट्रोल का दाम आसमान छूता जा रहा है। इसके साथ ही डीजल की कीमत (Diesel Ki Kimat) भी बीते सारे रिकॉर्ड्स को तोड़ने पर आमदा है। लगातार बढ़ते पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol-Diesel Rate) आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा रहा है। बीते महीने से हर दूसरे दिन ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं। जिसके बाद दिल्ली, मुंबई समेत तमाम बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल का दाम 100 रुपये के पार पहुंच चुका है। इस बीच ये संभावना जताई जा रही है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं।
दरअसल, सरकारी तेल कंपनियां (OMC) अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती की वजह से कीमत बढ़ा रही हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार भी कच्चे तेल पर लगने वाले टैक्स में कटौती करने को लेकर तैयार नहीं है। आपको बता दें कि मई से करीब 35 बार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाई गई हैं। इस दौरान ईंधन की दरें प्रति लीटर 7-8 रुपये बढ़ी हैं।
सऊदी अरब और यूएई में ठनी
वहीं, माना जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमत में इजाफा होने से पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ सकती हैं। दरअसल, तेल के उत्पादन पर सऊदी अरब और यूएई में ठन गई है। ओपेक+ तेल के उत्पादन पर नियंत्रण चाहता है, लेकिन यूएई ने इससे इनकार कर दिया है। सऊदी अरब ने प्रस्ताव रखा था कि तेल उत्पादन न बढ़ाने की मौजूदा डील को साल 2022 तक विस्तार कर दिया, लेकिन यूएई इससे सहमत नहीं है।
दोनों देशों में इस मुद्दे पर मतभेद इतना बढ़ा की बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। अब ना तो अभी तेल का उत्पादन बढ़ाने पर ओपेक+ की बात बनी है और न ही अगली बैठक की तारीख ही अभी तय हो पाई है। ऐसे में दोनों देशों की तकरार के चलते पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ने की संभावना है।
100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं दाम
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का कहना है कि अगर बढ़ती वैश्विक मांग के अनुरूप तेल उत्पादन और आपूर्ति का स्तर नहीं बढ़ता है तो फिर इससे कच्चे तेल की कीमत में इजाफा होगा और दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंच सकते हैं। बता दें कि सोमवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल का दाम लगभग 77 डॉलर प्रति बैरल रहा। जो अक्तूबर 2018 के बाद से सबसे अधिक है।
वहीं हाल ही में भारत ने कहा कि कच्चे तेल का मौजूदा दाम काफी ज्यादा चुनौतीपूर्ण है और दरों को थोड़ा नीचे लाए जाने की जरूरत है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने साफ कहा था कि भारत जहां कहीं भी प्रतिस्पर्धी दर होगी, वहां से तेल खरीदेगा।
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