Gold price: सोना 83 हजार के पार, जानिए क्यों बढ़ रहे दाम
Gold price: भारत में सोने की कीमतें 83,350 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गईं हैं। यह तेजी ग्लोबल बाजारों में चल रहे रुझान को दर्शाती है, जहां हाजिर सोना 2,830.49 डॉलर प्रति औंस के आल टाइम उच्च स्तर के करीब है।;
Gold Rate: भारत में सोने की कीमतें 83,350 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गईं हैं। यह तेजी ग्लोबल बाजारों में चल रहे रुझान को दर्शाती है, जहां हाजिर सोना 2,830.49 डॉलर प्रति औंस के आल टाइम उच्च स्तर के करीब है। इंडिया बुलियन एसोसिएशन के अनुसार, मंगलवार, 4 फरवरी को शुरुआती कारोबार में सोने के दाम रिकार्ड लेवल पर पहुंच गए।
क्यों बढ़ रहे दाम
- - वैश्विक मुद्रास्फीति की चिंता: अमेरिकी सरकार की टैरिफ नीतियाँ मुद्रास्फीतिकारी मानी जा रही हैं। ऐसे में निवेशक बचाव के लिए सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
- - सुरक्षित निवेश: भू-राजनीतिक तनाव और अस्थिर इक्विटी बाजारों से बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है जिससे निवेशकों को गोल्ड की ओर जाना पड़ रहा है।
- - केंद्रीय बैंक खरीद: दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भी सोना जमा कर रहे हैं, जिससे इसकी चाल मजबूत हो रही है।
- - डॉलर इंडेक्स की चाल: अमेरिकी डॉलर इंडेक्स ने हाल ही में 109 अंक को पार किया, जिसका असर सोने सहित कमोडिटी बाजारों पर पड़ा है।
- - डिमांड सप्लाई : सोने की सप्लाई से ज्यादा डिमांड बनी हुई है जिससे दाम बढ़ रहे हैं। प्रमुख बुलियन बैंक उच्च वायदा प्रीमियम से लाभ उठाने के लिए दुबई और हांगकांग जैसे एशियाई केंद्रों से सोने के भंडार को अमेरिका में ट्रांसफर कर रहे हैं।
आगे क्या है संभावना?
बाजार विशेषज्ञों को आशंका है कि आगामी अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के कारण कीमतों में और उतार-चढ़ाव बना रहेगा। 5 फरवरी को एडीपी रोजगार रिपोर्ट और 7 फरवरी को गैर-कृषि पे-रोल रिपोर्ट आनी है जो फेडरल रिजर्व के मौद्रिक रुख को प्रभावित कर सकती है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि ग्लोबलअनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की खरीद के कारण सोना अपनी तेजी बनाए रख सकता है। ट्रंप के टैरिफ रुख और वैश्विक व्यापार नीतियों से प्रभावित होकर 2025 तक सोने की कीमतें फोकस में रहेंगी।
सोने में निवेश
सोने में निवेश के बारे में विशेषज्ञ सतर्कता बरतने का सुझाव देते हैं। निवेशकों को एकमुश्त निवेश के बजाय धीरे धीरे खरीदारी पर विचार करना चाहिए। जो लोग लंबी अवधि की हेजिंग की तलाश में हैं, वे गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प चुन सकते हैं।
फिजिकल रूप में सोना एक विकल्प बना हुआ है, लेकिन खरीदारों को मेकिंग चार्ज और भंडारण लागत को ध्यान में रखना चाहिए।निवेशकों को निर्णय लेने से पहले वैश्विक आर्थिक रुझानों पर अपडेट रहना चाहिए।