सरकार की नजर हमारी जमीन और पैसों पर है" -वक्फ बिल पर भड़के कांग्रेस सांसद इमरान मसूद
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि "बाबा साहब अंबेडकर ने हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की, लेकिन इस विधेयक को लाने वालों को इसकी सही जानकारी नहीं है। मुसलमान अपनी आस्था के अनुसार अल्लाह की राह में वक्फ करता है और इसकी जरूरत को पहचानता है, लेकिन इसका सारा प्रबंधन तो सरकार के ही हाथ में है।"
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "जेडीयू, टीडीपी और अन्य दल दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 'वक्फ बाई यूजर' को खत्म कर दिया, लेकिन असल में उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। सच्चर कमेटी के सामने पेश आंकड़ों के अनुसार, सरकारों ने हजारों वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है। अब इस कानून के लागू होने के बाद इन संपत्तियों पर से वक्फ का दावा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।" मसूद ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा, "यूपी में 14,000 एकड़ वक्फ संपत्ति में से 11,500 एकड़ को सरकारी घोषित कर दिया गया, जिसमें मस्जिदें, इमामबाड़े और कब्रिस्तान शामिल हैं। आप कहते हैं कि 'वक्फ बाई यूजर' खत्म कर दिया, लेकिन असल में आपने वक्फ संपत्तियों पर कब्जे को वैध करार देने का रास्ता खोल दिया।" उन्होंने आगे कहा, "आपने विवादित संपत्तियों के निपटारे के लिए डेजिग्नेटेड ऑफिसर की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन यह नहीं बताया कि वह कितने समय में फैसला करेगा। 22 सदस्यों में से 10 मुसलमान होंगे, लेकिन बाकी 12 गैर-मुस्लिम होंगे, जिससे बहुमत गैर-मुस्लिमों का हो जाएगा। क्या दूसरे धर्मों के ट्रस्टों में भी बाहरी धर्म के लोगों को शामिल किया जाएगा?" इमरान मसूद ने सवाल उठाया, "आप किस आधार पर तय करेंगे कि कौन 'प्रैक्टिसिंग मुस्लिम' है? उसका पैमाना क्या होगा?" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है और यह विधेयक अनुच्छेद 14, 16 और 25 का उल्लंघन करता है।