आ गया घरों में भी मास्क पहनने का दौर, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-04-26 16:37 GMT

कोरोना वारयरस से बचाव (फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: देश में कोविड-19 की प्रचंड लहर और तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने बचाव के लिए मास्क को व्यवहार लाने की जरूरत पर जोर देते हुए, सलाह दी है कि लोगों के लिए अपने घरों के अंदर मास्क पहनना शुरू करने का समय आ गया है। सलाह में कहा गया है कि घर के बाहर निकलते समय तो मास्क पहनना ही है इसके अलावा घर के भीतर भी घर के सदस्यों से बातचीत के दौरान मास्क लगाने की जरूरत है। ताकि संक्रमण किसी भी स्तर पर फैलने से रोका जा सके।

लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए सरकार ने कहा है कि अनावश्यक अफरातफरी से लाभ के बजाय नुकसान हो रहा है। टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए। सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की पैरवी की और कहा कि महिलाएं माहवारी के समय टीके की खुराक ले सकती हैं।

घर में मास्क पहनकर रहें

सरकार ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करेगा तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है और अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे। वहीं गतिविधि 75 प्रतिशत तक घटने पर एक व्यक्ति 30 दिनों में 2.5 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए लोग घरों में रहें। मास्क पहनकर रहें और बहुत आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें। सरकार ने कहा कि कोरोना के कोई भी लक्षण प्रकट होने पर अपना इलाज खुद से न करके डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उसी के अनुरूप दवा लेनी चाहिए।

मास्क पहनें (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)

'डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती हो'

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कई लोग डर से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। इससे अस्पतालों पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है और जरूरतमंद व्यक्ति को बेड की उपलब्धता प्रभावित हो रही है। उन्होंने जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

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