लखनऊ : सूबे के पूर्व काबीना मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ चल रहे गैंगरेप के मुकदमे में पीड़िता की सबसे बड़ी बेटी की अर्जी पर गुरुवार को अभियोजन की ओर से आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। जबकि अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि वो कोई आपत्ति दाखिल नहीं करना चाहते।
पीड़िता की बड़ी बेटी ने अपनी इस अर्जी में यह दावा किया है कि अभियुक्तों ने उसके साथ बलात्कार का प्रयास किया था न कि उसकी सबसे छोटी बहन के साथ। लिहाजा इस मामले में निर्मित आरोप को न्यायहित में संशोधित किया जाना अतिआवश्यक है। उसने अर्जी में यह भी मांग की है कि चूकि वो ही इस घटना की भुक्तभोगी है। इसलिए इस मामले में उसकी गवाही अंकित होनी चाहिए, न कि उसकी सबसे छोटी बहन की।
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दूसरी तरफ अदालत में मौजूद पीड़िता से शेष गवाही के लिए भी अभियोजन की ओर से समय की मांग की गई।
पॉक्सो के विशेष जज विकास नागर ने अभियोजन की दोनो मांग को मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर के लिए तय कर दी। उन्होंने इसके साथ ही अपने आदेश में यह भी कहा है कि विधायक व सांसदों से संबधित मामलों के निस्तारण के लिए इलाहाबाद में विशेष अदालत का गठन किया गया है। इस मामले के संदर्भ में भी जिला जज को पत्र प्रेषित किया गया है। लेकिन कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। लिहाजा उन्हें पुनः पत्र प्रेषित किया जाए।