दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कांस्टेबल ने बनाया गिरोह, नेपाल में बेचता था चोरी की बाइक

Update: 2018-01-29 13:36 GMT

नोएडा : दिल्ली एनसीआर से महंगी बाइक चोरी कर उन्हें नेपाल में बेचने वाले एक इंटरनेशनल गिरोह के चार बदमाशों को कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का सरगना दिल्ली पुलिस से बर्खास्त एक कांस्टेबल है। यह गिरोह एनसीआर में बाइक चोरी करता। साथ ही कबाड़ व क्षतिग्रस्त वाहनों से चेचिस नंबर व नेमप्लेट लेकर कागज बनाता था। इसके बाद बाइक नेपाल में बेची जाती थी।

पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी के 22 दोपहिया वाहन, एआरटीओ की मोहरें, प्रिंटर व लैपटॉप बरामद किये। आरोपी हादसे और स्क्रैप में बेची गई बाइकों के इंजन व चेसिस नंबर चोरी के वाहनों पर लगाकर उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर नेपाल में बेच देते थे। पुलिस पूछताछ में पता लगा कि आरोपी अब तक 200 से अधिक चोरी के वाहन नेपाल सप्लाई कर चुके हैं।

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डीआईजी लव कुमार ने बताया कि शहर में बढ़ती वाहन चोरी को देखते हुए पुलिस की टीमें चोरों की तलाश में जुटी थी। इसी कड़ी में रविवार को कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सेक्टर-60 में वाहनों की चेकिंग शुरू की। इसी दौरान बाइक पर आ रहे, चार बदमाशों को दबोच लिया। वहीं आरोपियों के दो साथी मौके से फरार हो गये।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान मुजफ्फरनगर निवासी प्रवीन चौधरी उर्फ देव, अजय उर्फ सोनू , अमरोहा निवासी गौरव उर्फ कपिल और मेरठ निवासी बन्टी के रूप में हुई है। वहीं आरोपियों के दो साथी गाजियाबाद निवासी सुमित और मेरठ निवासी आशू उर्फ अरशद फरार हो गये।

पुलिस ने गिरफ्त में आए आरोपियों के पास से चार तमंचे, चोरी की 22 लग्जरी बाइक और स्कूटी, लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज और मोहरे बरामद की है। पकड़े गए आरोपियों में गिरोह का सरगना भी शामिल है। आरोपी एमएससी पास होने के साथ ही दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल था। लेकिन फर्जी दस्तावेजों के चलते उसे बर्खास्त कर दिया गया। इसी के बाद गैंग बनाकर वाहनों की चोरी का धंधा शुरू किया।

ऐसे चोरी कर नेपाल तक पहुंचा देता था वाहन

डीआईजी लव कुमार ने बताया कि इस गिरोह का सरगना एमएससी पास दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कांस्टेबल अजय उर्फ सोनू है। आरोपी ने ही अपने भाई प्रवीण और बहनोई सुमित को शामिल करते हुए कई लोगों का एक गिरोह बनाया। इसके बाद सभी को क्रम से वाहन चोरी से लेकर, वाहन के फर्जी दस्तावेज बनाने और बेचने का काम सौंपा। इस क्रम में सुमित और गौरव स्पोटर्स और लग्जरी बाइक चोरी कर अजय और प्रवीण को सौंप देते थे। यहां आरोपी अजय और प्रवीण चोरी की बाइकों के लॉक बदलकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें नेपाल में राजकुमार नाम के शख्स को बेच देते थे। वह आगे इन वाहनों को बेच देता था।

कबाड़ से चेसिस नंबर और इंजन नंबर लगाकर बनाते थे फर्जी दस्तावेज

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी गैंग लीडर अजय और प्रवीण मेरठ में कबाड़ी आशू उर्फ अरशद से कबाड़ में आए वाहन और क्षतीग्रस्त वाहनों के चेसिंस नंबर व इंजन नंबर लेकर कंप्यूटर की मदद से तैयार कर उन पर एटा, देहरादून, गुड़गांव, मेरठ और मुरादाबाद एआरटीओ फर्जी मोहर मारकर नेपाल के शख्स को 50 हजार रुपये में बेच देते थे।

तीन माह में नेपाल भेज चुके हैं 200 से भी ज्यादा चोरी के वाहन

डीआईजी ने बताया कि आरोपी दिल्ली एनसीआर समेत आसपास के जिलों से बाइक चोरी कर उन्हें नेपाल में बेच देते थे। आरोपी पिछले तीन माह में 200 से भी ज्यादा वाहन नेपाल में बेच चुके है। इतना ही नहीं पुलिस ने आरोपियों के पास से 22 फर्जी तैयार रजिस्ट्रेशन, नंबर प्लेट, लॉक तोड़ने के औजार बरामद किये है।

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