पोते ने किया सुसाइड, न्याय के लिए भटक रहे दादा ने लिया सोशल मीडिया का सहारा

Update: 2018-10-19 04:10 GMT

रायबरेली: प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद भी प्राइवेट स्कूलों में स्टूडेंट्स को प्रताड़ित करने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। नतीजतन बच्चे आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाने को मजबूर है। ऐसा ही एक मामला रायबरेली में भी सामने आया है। यहां कक्षा 6 में पढ़ने वाले एक छात्र ने टीचर की प्रताड़ना से परेशान हो कर बीती 15 अक्टूबर को ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली थी।

उसके परिजन बीते तीन दिनों से आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है लेकिन अभी तक उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई है। मृतक छात्र के परिजनों ने अब सोशल मीडिया का सहारा लेकर न्याय की मांग की है।

ये है पूरा मामला

रायबरेली जिले के हरचंदपुर कस्बे के रहने वाले लेखपाल अनिल पांडेय का बेटा रुद्रांश (11) जिले के नामी दयावतीमोदी पब्लिक स्कूल में कक्षा 6 का छात्र था। रुद्रांश के पिता अमित पाण्डेय का आरोप है कि 15 अक्टूबर को स्कूल में हिंदी की टीचर ममता सिंह ने रुद्रांश की क्लास में जमकर पिटाई की और उसे अन्य छात्रों से अलग बैठा दिया और उसके पिता को फोन करके अगले दिन उनके साथ आने का फरमान बच्चे के सामने जारी कर दिया।

रुद्रांश की फ़ाइल फोटो

क्लास में अन्य छात्रों के सामने पिटाई और अलग बैठने से आहात रुद्रांश घर पहुंचा और ट्यूशन जाने के बहाने रेलवे लाइन पर पहुंच गया और ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर ली। शव के पास से पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया।

जिसमें उसने लिखा कि मम्मी पापा से मुझे कोई शिकायत नहीं ,मम्मी तुम रोना नहीं। कुछ लोगों से मै बहुत परेशान हूं, गौरी तुम मम्मी का ध्यान रखना और मिट्ठू का भी। मृतक के माता पिता अपने बेटे की मौत के लिए स्कूल की टीचर ममता सिंह को जिम्मेदार मानते है। घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।

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दादा ने सुनाई पोते की सुसाइड की दर्दनाक दास्तां

रुद्रांश के रिटायर दादा अपनी आंख से आंसू पोछते हुए घटना वाले दिन के बारे में बताते है, पोता(रुद्रांश) रोजाना दुकान पर उनसे 5 रूपये लेता और उसके बाद ट्यूशन जाता लेकिन उस दिन उसने घटना वाले दिन उनसे नजर नहीं मिलाई। वो कस्बे के मंदिर गया। वहां पर टीका लगाया और रेलवे लाइन पर निकल गया, उसका शव हमें मिला। उस दिन वह बहुत ही ज्यादा उदास था।

न्याय के लिए लिया सोशल मीडिया का सहारा

मृतक के परिजनों के मुताबिक दयावती मोदी पब्लिक स्कूल प्रबंधन की उंची पहुंच के आगे उन्हें पहले ही आभास हो गया था रायबरेली पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करेगी। ऐसा ही हुआ भी। उनकी आशंका उस समय और पुख्ता हो गई।

जब घटना के तीन दिन बाद भी स्थानीय हरचंदपुर पुलिस मामला दर्ज नहीं किया और केवल टाल मटोल करती रही। जिसके बाद रुद्रांश के दादा अनिल पांडेय ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और ट्विटर पर # justice for rudransh चलाया। उनका मानना है कि इस अभियान के जरिये उनको न्याय मिलेगा।

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