बिना रोये इस स्कूल में पढ़ने आते हैं बच्चे, वजह हैं खुद ‘प्रिंसिपल’

Update: 2018-07-25 06:14 GMT

हरदोई : “खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं हमें क्या रोकेंगे यह जमाने वाले हम पंखों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं”।

जी हां। इस कहावत को हकीकत में बयां कर दिखाया है हरदोई जिले के प्रिंसिपल कृष्णा गोविन्द सिंह ने। जिन्होंने अपने जुनून के चलते अपने प्राथमिक विद्यालय की दशा बदल डाली। गोविन्द यहां के शाहाबाद विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय ‘परियल’ के प्रिंसिपल हैं। उन्होंने बिना विभाग की मदद से एक ऐसा मॉडल विद्यालय बनाया है, जिसमें छात्र अपने आप चले आते हैं और पढ़ाई करते हैं।

फेसबुक से मिला आईडिया

हरदोई जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर इस प्राथमिक विद्यालय की इमारत काफी पुरानी है। प्रधानाध्यापक कृष्ण गोविंद सिंह ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक शानदार तस्वीर विद्यालय की देखी तो अपने विद्यालय को आधुनिक बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने वही फ़ोटो आने साथी अध्यापकों को दिखाई और सहयोग की बात कही। जिसके बाद इस तस्वीर को विद्यालय पर उकेर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने सहयोगी अध्यापकों के सहयोग से पूरे स्कूल की रंगत बदल डाली।

स्कूल की ओर खिंचे चले आते हैं बच्चे

इस विद्यालय में पहुंचते ही बच्चे बेहद खुश हो जाते हैं। मानो जैसे विद्यालय भवन बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करता हो पूरे विद्यालय भवन पर पेंट के माध्यम से बनवाई गई। चित्रकारी से बच्चों का मन स्कूल में लगता है। इस स्कूल को एक ट्रेन के डिब्बे की तरह से बनाया गया है, जिसे देखकर यह एहसास होता है स्कूल नहीं है डिब्बे में बैठे हैं बच्चे भी अच्छी तरह से पढ़ाई करते नजर आते हैं।

अध्यापकों का कहना है अगर ऐसे ही सभी विद्यालय तो बच्चे अपने आप ही स्कूल पढ़ने जाएंगे।यहां क्रिएटिव माहौल है।जिससे स्कूल से दूर भागने के बजाए बच्चे स्कूल ज्यादा आना पसन्द करते हैं। इस मामले में बीएसए हेमंत राव कहते है अध्यापकों का प्रयास बहुत अच्छा है।

 

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