Election 2024 : क्या अब इन सीटों पर दोबारा होगा चुनाव ? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

Election 2024 : सुप्रीम कोर्ट में नोटा (NOTA) को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि यदि किसी सीट पर सबसे अधिक मतदान नोटा (NOTA) पर हों तो उस सीट पर दोबारा मतदान कराया जाए।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-04-26 09:15 GMT
सांकेतिक तस्वीर (Phot - Social Media)

Election 2024 : लोकसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है, आज दूसरे चरण के लिए वोटिंग हो रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में नोटा (NOTA) को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि यदि किसी सीट पर सबसे अधिक मतदान नोटा (NOTA) पर हों तो उस सीट पर दोबारा मतदान कराया जाए।  बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें ईवीएम से मतदान के बाद हर वीवीपैट का मिलान करने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (26 April, 2024) को मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक शिव खेड़ा की ओर से एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि जिस सीट पर नोटा (NOTA) के पक्ष में अधिक मतदान हों, वहां पर दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह बात चुनाव प्रक्रिया को लेकर भी है, हम देखते हैं कि चुनाव आयोग की इस पर क्या राय है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

NOTA को भी एक प्रत्याशी घोषित होना चाहिए

याचिकाकर्ता मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक शिव खेड़ा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन पेश हुए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि यह एक अहम मामला है, इस पर विचार किया जाना जरूरी है। उन्होंने सुनवाई के दौरान सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी के निर्विरोध जीत जाने का उदाहरण भी दिया और कहा कि वहां चुनाव मैदान में वह अकेले ही बचे थे। वहां उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं था, इसलिए सभी मत एक ही प्रत्याशी को जाने थे। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि चुनाव आयोग को नोटा को भी एक प्रत्याशी घोषित किया जाना चाहिए।

NOTA से कम वोट मिलने वाले प्रत्याशी पर लगे रोक

जनहित याचिका में कहा गया कि यदि चुनाव में नोटा को सबसे ज्यादा मत मिलते हैं तो यहां दोबारा चुनाव कराया जाना चाहिए। अर्जी में कहा गया कि लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनाव में NOTA को 2013 से लागू किया गया है। तब से NOTA को काल्पनिक उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर दो बार मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि चुनाव आयोग NOTA का अच्छे से प्रचार करे। एक अभियान के तहत लोगों को बताया जाए कि चुनाव में उनके पास NOTA भी एक विकल्प है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि NOTA से कम वोट पाने वाले सभी उम्मीदवारों के चुनाव पर 5 साल की रोक भी लगाई जाए।

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