लखनऊ: वो किसी को अपनी तरफ नहीं बुलाता है, लोग खुद ब खुद उसकी ओर खिंचते चले जाते हैं। उसके पैकेट पर अक्सर ही लिखा दिख जाता है कि इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। पर फिर भी लोग उससे किनारा करने के बजाय उसकी दुनिया में समाते चले जाते हैं। नशे की दुनिया उस राक्षस की तरह है, जहां सिर्फ और सिर्फ मौत का ही धुंआ होता है। अक्सर ही लोग अपने बच्चों को तो मना करते हैं कि नशा करना बुरी लत है पर खुद मौका मिलते ही सिगरेट का कश लगाना शुरू कर देते हैं।
एक ओर जहां समाज की एक युवा पीढ़ी नशे की दुनिया में खोती जा रही है, वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर समाज को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। ये स्टूडेंट्स गाजियाबाद के अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक के छात्र हैं।
सिर्फ तीन सिगरेट पर खर्च किए पैसे
-नशे के बारे में जागरूक करने वाली इस फिल्म में तुषार, मयंक, मोहक, देवांशु और अर्पित जैन ने एक्टिंग की है।
-इस फिल्म को बनाने वाले छात्रों का कहना है कि इसके लिए उन्होंने अलग से एक भी रूपया खत्म नहीं किया है। इसे बनाने में यूज होने वाली सभी चीजें इनकी पर्सनल हैं।
-हिमांशु का कहना है कि फिल्म में जो सिगरेट यूज की गई है, केवल वही खरीदी हुई है।
-पूरी फिल्म गाजियाबाद के पास एक जंगल में शूट की गई है।
-इसके अलावा इस फिल्म के बारे में आकाश और अनुराग का कहना है कि जिस तरह से नशा आज की पीढ़ी को निगलता जा रहा है।
-उस तरह अगर समय रहते उनकी इस लत को नहीं छुड़ाया गया, तो यह देश के लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी।
क्या है फिल्म की कहानी
-सुट्टा बाबा उन लोगों की जिंदगी से जुड़ी कहानी है, जो जरा सा हताश होने पर नशे की ओर मुड़ जाते हैं।
-फिल्म में छात्रों ने बखूबी बताया है कि किस तरह से नशे के चलते वे खुद को मार रहे हैं।
-कहने को भले ही नशे का धुंआ लोगों को राहत देता हो पर सच्चाई तो यह है कि ये नशा खुलेआम जिंदगियां निगल रहा है।
-फिल्म के अंत में नशे वाले सुट्टा बाबा कहते हैं कि नशा करने वालों पर हर वक्त मौत भरी नजर रहती है।
देखिए यह फिल्म