बिहार के सिनेमाघर में बनाई गई 'बाहुबली-2' की कॉपी, पायरेसी के केस में 6 गिरफ्तार
हैदराबाद: बिहार के बेगूसराय जिले के एक सिनेमाघर का इस्तेमाल फिल्म 'बाहुबली-2' की हाई-डेफिनेशन कॉपी तैयार करने में किया गया और ऐसा ही एक पायरेसी गैंग द्वारा बेहद सफल रही फिल्म के निर्माताओं से अवैध धन वसूली के लिए किया गया।
पुलिस ने दिल्ली में स्थित अंतर्राज्यीय फिल्मों की पायरेसी करने वाले गैंग के छह सदस्यों को दिवाकर कुमार सहित गिरफ्तार किया है, जो बेगूसराय के तिवहरा में स्थित वीना सिनेमा हॉल का मालिक है।
जिन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें दिल्ली निवासी राहुल मेहता, जितेंद्र कुमार मेहता, तौफिक, एमडी अली और बिहार निवासी चंदन शामिल हैं।
अभियुक्तों को बुधवार न्यायालय में पेश किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि जीतेंद्र और तौफिक 2015 में आई 'बाहुबली : द बिगिनिंग' की पायरेटेड कॉपी बनाने के मामले में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। जो 'बाहुबली' श्रृंखला की पहली फिल्म है।
वहीं इस फिल्म के प्रोडक्शन हाउस अर्का मीडियावर्क्स से पैसे की उगाही करने के लिए हैदराबाद में मौजूद राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया, दिल्ली और बिहार से गिरफ्तार हुए अभियुक्तों को ट्रांजिट रिमांड पर हैदराबाद लाया गया है।
पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल क्राइम स्टेशन) अविनाश मोहंती के मुताबिक, "अर्का के प्रतिनिधि प्रसाद देविनेनी ने 29 अप्रैल को खुद को पायरेसी विरोधी कार्यकर्ता बताने वाले शख्स के द्वारा 15 लाख रुपये रकम मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।"
फोन करने वाले कंपनी को अपने पास पायरेटेड कॉपी होने की बात बताई और धमकी दी कि पैसे नहीं देने पर वह इसे इंटरनेट पर अपलोड कर देगा।
पुलिस ने हालांकि फोन करने वाले शख्स का पता लगाकर उसे गिरफ्तार करने के बजाय पायरेसी रैकेट की तह तक पहुंचने का फैसला किया और उनकी सलाह पर प्रोडक्शन कंपनी फोन करने वाले के संपर्क में बनी रही। उसने एक वीडियो का नमूना भेजा जो हाई-डेफिनेशन कॉपी थी।
विशेषज्ञों की मदद से पुलिस ने बेगूसराय में कॉपी को तैयार किए जाने का पता लगा लिया, ऐसा अपराध करना सैटेलाइट प्रौद्योगिकी सुरक्षा का उल्लंघन है।
वहीं अर्का के प्रतिनिधियों ने राहुल मेहता को हैदराबाद बुलाया, पुलिस ने जांच जारी रखते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया, हालांकि फिल्म की सैटेलाइट ब्रॉडकास्ट कंपनियों में से एक का कर्मचारी रहा मोनू फरार होने में सफल रहा।
सौजन्य: आईएएनएस