Baleshwar Yadav कौन हैं जिन्होंने नाम बदल कर बनाई अलग पहचान Indian Idol में चोरी हुए इनके गाने
Baleshwar Yadav Kon Hai: भोजपुरी के सुपरस्टार सिंगर बलेश्वर यादव के कंटेंट को चोरी करके अपना बताने का आरोप लगा इंडियन आइडल के सिंगर के ऊपर
Baleshwar Yadav Kon Hai: एक बार फिर से इंडियन आइडल के नए सीजन का आगाज हो चुका है। जिसमें नए-नए सिंगर अपनी-अपनी खूबियों को जजों के सामने पेश करते हुए नजर आ रहे हैं। जिनमें से कुछ सिंगर के गाने जजों के जहन में एक अलग ही छाप छोड़ के जा रहे हैं। उन्हीं में से राधा श्रीवास्तव नाम की एक सिंगर आई जिन्होंने भोजपुरी सुपरस्टार बलेश्वर यादव जी का कंटेंट चोरी कर उसे अपना बनाने की कोशिश की, वहाँ मौजूद जजों ने राधा की तारीफ की और वो सलेक्ट भी हो गई लेकिन शायद सिंगर्स को ये नहीं पता था कि ये कंटेंट बलेश्वर यादव (Baleshwar Yadav) का है ना की राधा जिसके बाद राधा समेत इंडियन आइडल के जज ट्रोल होने लगे चलिए जानते हैं कौन हैं बलेश्वर यादव
भोजपुरी सिंगर बलेश्वर यादव कौन हैं (Who is Bhojpuri Singer Baleshwar Yadav In Hindi)-
बलेश्वर यादव भोजपुरी के महान सिंगर में से एक थे। जिनके बिरहा आज भी लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं। बलेश्वर यादव का वास्तविक नाम बालेश्वर राजभर (Baleshwar Yadav Real Name) था। लेकिन जीवनपर्यंत इन्होंने अपने नाम के आगे यादव टाइटल ही लगाया। Baleshwar Yadav ने 60 के दशक में जब इन्होंने बिरहा गायन (Baleshwar Yadav) शुरू किया था। उस समय पूर्वांचल, बिहार में जातिवाद चरम पर था। और मोस्ट बैकवर्ड कास्ट से होने की वजह से इन्हें पता था कि, राजभर सरनेम की वजह से इन्हें आगे बढ़ने में कठिनाइयां आएंगी।
बलेश्वर यादव का जन्म 1942 में उत्तर प्रदेश के जिले मऊ के एक गाँव मधुवन (Baleshwar Yadav Birth Place) में हुआ था। बलेश्वर भोजपुरी गाने को बॉलीवुड में भी कॉपी किया गया है। अमिताभ बच्चन की फिल्म आज के अर्जुन का गाना चली आना तू पान के दुकान में बलेश्वर का ही गाना (Baleshwar Yadav Song) है। उन्हें यश भारती जैसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
शादी ब्याह और दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गायन के मौकें कम मिलेंगे। दूसरी तरफ पूर्वांचल, बिहार में यादव समाज सबसे बड़ा जातीय समूह है। और बिहार गायन भी यादव समाज में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। बिरहा का सबसे ज्यादा आयोजन भी यादव समाज की करता था। यादव समाज के शादी, ब्याह, मुंडन, जन्मदिन के कार्यक्रमों में बिरहा कार्यक्रम लगभग अनिवार्य होता था। यही वजह रही कि उन्होंने अपना टाइटल बदलकर राजभर जी ने अपना टाइटल बदलकर बालेश्वर यादव कर लिया।
और राजभर समाज से होने के बाद भी इनकी कला का सम्मान करते हुए यादव समाज ने भी बदले में इन्हें अपार प्यार और स्नेह दिया। 2008 में बलेश्वर यादव ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।