इस मशहूर कोरियोग्राफर ने हिन्दू से मुस्लिम धर्म में किया था परिवर्तन

बॉलीवुड की हर बड़ी और फेमस एक्ट्रेस को अपने डांस मूव्स पर नचवाने वाली सरोज खान आज अपना 71वां बर्थडे माना रही हैं। माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी जैसी महान एक्ट्रेस ने उन्हें अपना डांस गुरू माना।

Update: 2019-11-22 08:16 GMT

मुंबई: बॉलीवुड की हर बड़ी और फेमस एक्ट्रेस को अपने डांस मूव्स पर नचवाने वाली सरोज खान आज अपना 71वां बर्थडे माना रही हैं। माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी जैसी महान एक्ट्रेस ने उन्हें अपना डांस गुरू माना। सरोज खान ने करीब 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया है।

हिन्दू धर्म से मुस्लिम धर्म में परिवर्तन किया

बहुत ही कम लोगों को पता है कि सरोज खान का रियल नाम निर्मला नागपाल है। उनके पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह है। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया। सरोज ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था। तो आज उनके बर्थडे पर कुछ रोचक बातें...

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ये है उनकी कुछ फेमस फ़िल्में

50 के दशक में उन्होंने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कोरियोग्राफर बी।सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म गीता मेरा नाम से सरोज एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर की तरह जुड़ीं वैसे तो, उनके काम को काफी समय बाद पहचान मिली। उनकी खास फिल्मों में मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार और बेटा है।

उन्होंने अपने पहले मास्टर बी। सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का फासला था। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी। इस्लाम धर्म कबूल कर उन्होंने 43 साल के बी। सोहनलाल से शादी की। सोहनलाल की ये दूसरी शादी थी। पहली शादी से उनके चार बच्चे थे। सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 'मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरे शादी हो गई थी।'

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एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि 'मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कुबूल किया था। उस टाइम मुझसे कई लोगों ने पूछा कि मुझ पर कोई दबाव तो नहीं है लेकिन ऐसा नहीं था। मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है।' सरोज से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात नहीं बताई थी।

1963 में सरोज खान के बेटे राजू खान का जन्म हुआ तब उन्हें सोहनलाल की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बता चला। 1965 में सरोज ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया लेकिन 8 महीने बाद ही मौत हो गई। बच्चों के जन्म के बाद सोहनलाल ने उन्हें अपना नाम देने से इनकार कर दिया। जिस वजह से दोनों के बीच दूरियां आ गईं। उन्होंने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की।

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