Dilip Kumar: इस फिल्म में हुई थी दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन की टक्कर, कौन किसपर पड़ा भारी
98 वर्षीय दिलीप कुमार काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। 1944 में अभिनय की शुरुआत करने वाले दिलीप कुमार ने 1998 में आई फिल्म किला में आखिरी बार अभिनय किया था।
Dilip Kumar: फिल्म जगत में ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार ने आखिरकार दुनिया से विदा ले ली। 98 वर्षीय दिलीप कुमार काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। 1944 में अभिनय की शुरुआत करने वाले दिलीप कुमार ने 1998 में आई फिल्म किला में आखिरी बार अभिनय किया था। अपने पांच दशक के कॅरियर के दौरान दिलीप कुमार ने करीब 60 फिल्मों में काम किया और अपने दमदार अभिनय से हर किसी का दिल जीत लिया।
दिलीप कुमार ने देवदास, मुगल-ए-आज़म, शहीद, नया दौर, लीडर, राम और श्याम, अनुमती, यहूदी, पैगाम, गंगा जमुना जैसी सुपरहिट फिल्मों से दशकों तक सिने प्रेमियों के दिलों पर राज किया। बाद में अपनी दूसरी पारी के दौरान उन्होंने शक्ति फिल्म में पहली बार महानायक अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। 1982 में आई इस फिल्म में पहली बार दो दिग्गज कलाकारों का पिता और पुत्र की भूमिका में मुकाबला हुआ था और दोनों ने अपनी अभिनय क्षमता और संवाद अदायगी से इस बात को साबित किया था कि उन्हें बॉलीवुड का दिग्गज कलाकार क्यों माना जाता है।
बॉलीवुड की शानदार फिल्मों में शामिल है 'शक्ति'
शक्ति बॉलीवुड की पहली और इकलौती ऐसी फिल्म थी जिसमें दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन दोनों ने एक साथ अभिनय किया था। पैसा कमाने के नजरिए से तो इस फिल्म को बहुत कामयाब नहीं माना गया मगर इस फिल्म को आज भी बॉलीवुड की सबसे शानदार फिल्मों में गिना जाता है। रमेश सिप्पी की फिल्म शोले को और बॉलीवुड के इतिहास में सबसे सफल फिल्मों में गिना जाता है और उन्होंने ही शक्ति फिल्म का डायरेक्शन किया था।
रमेश सिप्पी के दिल में हमेशा से यह इच्छा थी कि वे दिलीप कुमार के साथ एक फिल्म करें। दिलीप कुमार की चर्चित फिल्म बैराग 1976 में रिलीज हुई थी और इसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए ब्रेक लिया था। बाद में 80 के दशक में उनकी दो और फिल्में रिलीज हुईं क्रांति और विधाता जिसे दर्शकों का काफी प्यार मिला। इन दोनों फिल्मों में एक बार फिर दिलीप कुमार ने अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया।
दिलीप कुमार के साथ फिल्म बनाना चाहते थे सिप्पी
मशहूर निर्देशक रमेश सिप्पी को मदर इंडिया काफी पसंद थी और वे दिलीप कुमार के साथ मिलकर उसी स्तर की फिल्म बनाना चाहते थे। इसी दौरान उन्होंने तमिल फिल्म थंगा पटक्कम देखी थी। इस फिल्म में मशहूर अभिनेता शिवाजी गणेशन ने बाप और बेटे का डबल रोल निभाया था। इस फिल्म को देखने के बाद रमेश सिप्पी के दिमाग में एक आइडिया आया और उन्होंने प्रोड्यूसर्स मुशीर-रियाज से इस फिल्म के बारे में चर्चा की और बाद में इस फिल्म के राइट्स खरीद लिए।
रमेश सिप्पी इस फिल्म को रीमेक करना चाहते थे मगर उस समय की मशहूर राइटर जोड़ी सलीम-जावेद ने इस फिल्म के आधार पर रमेश सिप्पी की नई फिल्म के लिए बिल्कुल नई पटकथा लिख दी। दोनों फिल्मों में एक समानता जरूरत थी कि फिल्म के अंत में बाप अपने बेटे को मार देता है। पटकथा लिखे जाने के बाद इस फिल्म में दिलीप कुमार को लेने के प्रयास शुरू किए गए।
दिलीप कुमार ने दूर किया निर्देशक का डर
रमेश सिप्पी को दिलीप कुमार जैसे कद के कलाकार के साथ काम करने में एक बात का डर भी सता रहा था। उन्हें इस बात का डर था कि अगर दिलीप कुमार बीच में कुछ हस्तक्षेप करेंगे तो वे उन्हें कुछ भी नहीं कह पाएंगे मगर दिलीप कुमार ने रमेश सिप्पी की शंका का निवारण कर दिया।
दिलीप कुमार का कहना था कि वे डायरेक्टर के काम में किसी भी प्रकार का दखल नहीं देते और इसी के बाद दिलीप कुमार का नाम रमेश सिप्पी की फिल्म चर्चित के लिए फाइनल कर लिया गया। शक्ति फिल्म में दिलीप कुमार ने डीसीपी अश्वनी कुमार की दमदार भूमिका निभाई थी।
अमिताभ ने जताई फिल्म में काम करने की इच्छा
मुंबई में उन दिनों एक नाटक देखने के बाद सलीम-जावेद ने दिलीप कुमार के बेटे के रूप में राज बब्बर का नाम सुझाया था। उन्होंने बेटे की भूमिका राज बब्बर को सौंपने का सुझाव रमेश सिप्पी को दिया था मगर इसी बीच इस फिल्म के बारे में अमिताभ बच्चन को भी खबर लगी। याराना, लावारिस और नसीब आदि फिल्मों के बाद वे उस समय देश के सुपर स्टार बन चुके थे मगर उन्होंने उस समय तक दिलीप कुमार के साथ एक बार भी काम नहीं किया था। उन्होंने खुद इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ काम करने की इच्छा जताई मगर फिल्म मेकर्स की ओर से उन्हें बताया गया कि बेटे वाला रोल उनके लायक नहीं है। दिलीप कुमार को अपनी प्रेरणा मारने वाले अमिताभ फिर भी इस फिल्म में काम करने के इच्छुक थे और अंत में इस फिल्म में दिलीप कुमार के बेटे के रूप में काम करने का मौका उन्हें ही मिला। इस फिल्म से पहले राखी कई फिल्मों में अमिताभ की नायिका बनकर सामने आ चुकी थीं। अमिताभ और राखी की कभी कभी, त्रिशूल और बरसात की एक रात ने काफी लोकप्रियता पाई थी मगर दिलीप कुमार के साथ काम करने के मोह में राखी ने भी इस फिल्म में अमिताभ की मां बनने की बात मान ली।
पटकथा सुनकर भी अमिताभ ने नहीं बदला फैसला
रमेश सिप्पी के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन को एक साथ बिठाकर शक्ति फिल्म की पटकथा सुनाई थी ताकि इन दोनों को अपना रोल पूरी तरह स्पष्ट हो सके और बाद में रोल को लेकर दोनों में से किसी को कोई शिकवा शिकायत न हो। पटकथा सुनने के बाद अमिताभ बच्चन को भी स्पष्ट हो गया था कि शक्ति फिल्म में दिलीप कुमार के पिता की भूमिका भारी पड़ेगी मगर दिलीप कुमार के साथ काम करने के आकर्षण में फिर भी उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला और इस बहुचर्चित फिल्म में दिलीप कुमार के बेटे का रोल निभाया।
पसंद आई बाप और बेटे की भूमिका
शक्ति फिल्म बनने के बाद जब प्रसारित हुई तो इसे समीक्षकों ने शानदार फिल्म बताया। पिता की भूमिका में दिलीप कुमार और बेटे की भूमिका में अमिताभ बच्चन के के रोल को हर किसी ने सराहा। हालांकि कुछ समीक्षों ने इस फिल्म में दिलीप कुमार के अभिनय को ज्यादा सशक्त बताया था। उस समय के एक मशहूर फिल्म समीक्षक का मानना था कि अमिताभ फिल्म में दिलीप के सामने नहीं टिक पाए।
दूसरी ओर सलीम-जावेद का कहना था कि 'शक्ति' फिल्म में बेटे का रोल अमिताभ बच्चन के बारे में सोचकर लिखा ही नहीं गया था। उनका कहना था कि शक्ति फिल्म को दिलीप कुमार की फिल्म मानकर पूरी पटकथा लिखी गई थी।
वैसे जहां तक दर्शकों का सवाल है तो 1982 में इस फिल्म के रिलीज होने के बाद दर्शकों ने पिता और पुत्र की भूमिका में दिलीप कुमार और अमिताभ दोनों के रोल को काफी पसंद किया था। दर्शकों का मानना था कि दोनों ने अपनी अभिनय क्षमता दिखाने में कामयाबी हासिल की है। बाद के दिनों में अमिताभ बच्चन ने भी यह माना कि अपने फिल्मी कॅरियर के दौरान उन्होंने जिन शानदार फिल्मों में काम किया, उनमें शक्ति फिल्म भी शामिल रही है।