सुलतानः फैंस को सलमान की ओर से अलग किस्म की 'ईदी' है ये फिल्म

Update: 2016-07-09 22:05 GMT

एक्टरः सलमान खान, रणदीप हुड्डा, अनुष्का शर्मा

निर्देशकः अली अब्बास जफर

रेटिंगः 3.5/5

शोभित कालरा

बॉलीवुड के जानने वालों और फैंस का मानना ये है कि सलमान जिस किसी फिल्म में होते हैं तो उसकी कहानी उनके फैन क्लब के पसंद की होती है। सुलतान एक ऐसी फिल्म है, जो आम तौर पर सलमान के जो फैन नहीं भी हैं, उन्हें भी पसंद आएगी। खास बात ये कि सलमान की तरफ से ये अपने फैंस को अलग किस्म की 'ईदी' जैसी है। जो क्यूट है, आत्मा को छूने वाली है और राष्ट्रीयता की भावना से भरी-पूरी भी है। अमूमन सलमान अपनी हर फिल्म में मार-धाड़ करते दिखते हैं, लेकिन इस फिल्म में उन्हें कुश्ती के दांव-पेच जैसे 'धोबी पछाड़' और 'पटकनी' देते देखा जा सकता है। कुल मिलाकर सुलतान अली खान का किरदार निभा रहे सलमान को अखाड़े में ऐसा करते देखना भी किसी सुखद अनूभूति से कम नहीं है।

हम इस फिल्म को 'अलग किस्म की' इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि सलमान की पिछली फिल्में एक जैसी होती रही हैं। जिनमें हीरो खूब मारपीट करता है। फिल्म सुलतान इस मायने में अलग है कि यहां हीरो इमोशनल भी है और वह समाज को एक मैसेज देता है। यही वह बात है, जो दर्शकों को सिनेमा देखने के लिए खींच लेती है।

आमतौर पर जब भी तीनों खान (सलमान, शाहरुख और आमिर) किसी फिल्म में होते हैं, तो उस फिल्म की हीरोइन के लिए अमूमन कुछ करने को बचता नहीं है, लेकिन सुलतान में आरफा का किरदार निभाने वाली अनुष्का पर ये बात लागू नहीं होती। वह सलमान के आगे कमतर साबित नहीं हुई हैं और अपनी एक्टिंग से वह भी दर्शकों को बांधने में कामयाब रही हैं।

सपोर्टिंग कास्ट

निर्देशक अली अब्बास जफर ने फिल्म में कुश्ती के हर दांव-पेच और उसके मूड को दिखाया है। फिल्म में अमेरिकन मिक्स मार्शल आर्टिस्ट और रेसलर टायरन वुडले और चिली के मार्शल आर्टिस्ट मार्को जेरोर को शामिल कर फिल्म को कुश्ती और मार्शल आर्ट के दायरे में रखने में जफर कामयाब रहे हैं। सरबजीत और हाइवे जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके रणदीप हुड्डा का छोटा सा ही रोल भले हो, लेकिन आप उन्हें नजरंदाज नहीं कर सकते।

आकाश के रोल में अमित साध, गोविंद के किरदार में अनंत विधात और बरतक यानी कुमुद मिश्रा ने भी अपने किरदारों से पूरा न्याय किया है। निर्देशक को साधुवाद इसलिए भी देना होगा कि सपोर्टिंग कास्ट को उन्होंने महत्व दिया और फिल्म के आखिर तक उन्हें कहानी में बनाए रखा।

कहानी

वैसे तो बॉलीवुड के हाल पर नजर डालें तो फिल्मों के कंटेट में झोल दिखता है। शायद यही वजह है कि साउथ की बनी फिल्मों का री-मेक बनाने में बॉलीवुड आगे रहता है, लेकिन सुलतान बिल्कुल अलग किस्म की फिल्म है और इसी वजह से बॉक्स ऑफिस में वह रिकॉर्ड बनाती दिख रही है। सुलतान अली खान (सलमान) हरियाणा का है और वह महिला रेसलर आरफा (अनुष्का शर्मा) से प्यार करने लगता है। आरफा खुद बड़ी रेसलर होती है। वह सुलतान को ठुकरा देती है। उसके बाद सुलतान भी रेसलर बनता है और ओलंपिक का गोल्ड मेडल हासिल करता है। अब आरफा उसे चाहने लगती है और दोनों शादी कर लेते हैं। दोनों कई कंपीटिशन में साथ जाते हैं। फिर आरफा प्रेगनेंट हो जाती है और सुलतान अकेला ओलंपिक में जाता है। वहां गोल्ड मेडल हासिल करके वह जब लौटता है तो सफलता उसके सिर चढ़कर बोलने लगती है। एक वक्त आता है, जब आरफा उसे छोड़ देती है।

इसके बाद सुलतान की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। इंटरवल के बाद उसे मॉर्डन स्टाइल फाइटिंग लीग में रेसलिंग करना पड़ता है और जैसा कि हर बॉलीवुड फिल्म में होता है, यहां भी स्टोरी आखिर में दूसरी फिल्मों की तरह है। यहां भी सुलतान को छोड़कर जा चुकी उसकी बीवी आरफा उसके पास वापस आ जाती है।

गीत

सुलतान के गीत इरशाद कामिल ने लिखे हैं और विशाल-शेखर ने इन्हें शानदार म्यूजिक से नवाजा है। गीत रोमांस को सपोर्ट करते हैं तो इमोशन को भी उतना ही बेस देते हैं। जग घुमेया, टाइटल ट्रैक, बेबी को बेस पसंद है और 440 वोल्ट जैसे सुलतान के गीत सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले गीतों में शुमार हैं।

क्यों देखें फिल्म?

कुल मिलाकर, अगर आपके अंदर भी एक स्पोर्ट्सपर्सन है और आप अपने देश के लिए लड़ना चाहते हैं, तो सलमान की 'सुलतान' आपको जरूर देखनी चाहिए। वजह एक और भी है। सलमान का स्टाइल और उनकी एक्टिंग का भला कौन दीवाना इस देश में नहीं होगा। दो घंटे और 50 मिनट की ये फिल्म आपके लिए पैसा वसूल भी है और एंटरटेनिंग भी।

Tags:    

Similar News