गुलशन कुमार ने ऐसे खड़ी की T-Series, मंदिर के बाहर दागी गई थीं 16 गोलियां

Gulshan Kumar: गुलशन कुमार की सफलता की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। दिल्ली में जूस बेचने से लेकर T-Series के मालिक बनने तक की कहानी जानें यहां-

Update:2021-07-01 13:05 IST

गुलशन कुमार (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Gulshan Kumar: टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार के मर्डर केस (Gulshan Kumar Murder Case) में आज बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने हत्या के एक दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। रऊफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी है। वहीं दूसरी ओर रऊफ का भाई राशिद मर्जेंट को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है।

टी-सीरीज के मालिक और म्यूजिक इंडस्ट्री के दिग्गज शख्सियत भले ही आज हमारे बीच न हों, लेकिन उनकी यादें हर इंसान के दिलोंं में आज भी जिंदा हैं। गुलशन कुमार ना केवल गानों को प्रोड्यूस करते थे बल्कि खुद भी एक गायक थे। आज हम आपको गुलशन कुमार के बारे में कुछ अनसुनी बातें बताने जा रहे हैं। 

'सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड' नाम से शुरु की कंपनी

गुलशन कुमार T-Series के मालिक थे और इन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में बहुत बढ़ा योगदान था। गुलशन कुमार का जन्म पंजाबी हिन्दू फैमिली में हुआ था। गुलशन बहुत ही कम उम्र से अपने पिता के साथ दिल्ली में दरियागंज के पास जूस बेचते थे। कुछ समय बाद गुलशन ने कैसेट्स की दुकान खोल ली जहां वो बहुत कम पैसों में कैसेट्स बेचा करते थे।

इसके बाद गुलशन ने नोएडा आकर खुद की कैसेट की कंपनी खोल ली। जिसे 'सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड' का नाम दिया। बता दें कि यही कंपनी अब T-Series के नाम से जानी जाती है। कुछ दिन में ही गुलशन म्यूजिक इंडस्ट्री के एक बड़े नाम बन गये।

गुलशन कुमार (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

'लाल डुपट्टा मलमल का' से बॉलीवुड में डेब्यू

गुलशन इसके बाद मुंबई आ गए और म्यूजिक प्रोडक्शन का काम करने लगे। उन्होंने 'लाल डुपट्टा मलमल का' से बॉलीवुड में डेब्यू किया। उसके बाद आई फिल्म आशिकी के गानों ने पिछले सारे रिकॉर्ड दिये थे। जिसके बाद गुलशन का नेवर एंडिंग सफर शुरु हो गया। इसके अलावा गुलशन ने आई मिलन की रात, जीना तेरी गली में, बहार आने तक, दिल है कि मानता नहीं, शबनम, कसम तेरी कसम, बेवफा सनम और चार धाम जैसी कई सारी फिल्मों के गानों को प्रोड्यूस किया और आज टी-सीरीज म्यूजिक की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है।

भगवान शिव और पार्वती के थे भक्त

गुलशन कुमार की शिव और मां पार्वती में अटूट श्रद्धा थी। यही कारण है कि उनको भक्ति संगीतों के लिए भी जाना जाता है। गुलशन भक्ति गाने को प्रोड्यूस करने के साथ खुद भक्ति गाना गाते भी थे। गुलशन रोज भगवान शिव की पूजा भी करते थे। रोजाना पूजा करना उनकी आदत थी। वो हर रोज पश्चिमी मुंबई के अंधेरी इलाके में जीतनगर के जीतेश्वर महादेव मंदिर जाया करते थे।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

16 गोलियों ने खत्म कर दी जिंदगानी

12 अगस्त 1997 को भी गुलशन कुमार रोजाना की तरह वो जीतेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने गये थे। उस दिन गुलशन से साथ कोई भी बॉडी गार्ड मौजूद नहीं था। गुलशन जैसे ही आरती करके बाहर निकले उन्होंने अपने पीठ पर बंदूक की नाल महसूस की। उन्होंने सामने एक शख्स को हाथ में बंदूक लिए देखा। उस पर उन्होंंने उस शख्स से पूछा कि ये क्या कर रहे हो। इस पर हमलावर ने जवाब दिया कि बहुत पूजा कर ली। अब ऊपर जाकर करना। 

बस इतना कहते ही हमलावरों ने गुलशन कुमार पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तीन हमलावरों ने गुलशन को 16 गोलियां मारकर छलनी कर दिया और गुलशन ने उसी पल इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जब गुलशन कुमार की मौत की खबर आग की तरह फैली तो इससे पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री सन्न रह गई। कहा जाता है कि गुलशन की पहचान ही उनके मौत का कारण बनी।

रिपोर्ट्स के अनुसार दाऊद इब्राहीम के करीबी अबू सलेम ने गुलशन कुमार की हत्या सुपारी दी थी। दरअसल, गुलशन को 5 और 8 अगस्त को दाऊद का कॉल आया था और उनसे फिरौती की मांग की थी पर गुलशन ने साफ इंकार कर दिया। फिरौती ना देने की वजह से दाऊद के करीब अबू सलेम ने शूटर को हायर करके उनका मर्डर करवा दिया। 

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