Gulzar Birthday: पहली नज़र में ही हो गया था गुलज़ार को राखी से प्यार, तोड़ दी थी शादी

Gulzar Birthday:गुलज़ार आज अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइये लफ्जों के जादूगर गुलज़ार साहब की जिंदगी से आपको आज रूबरू करवाते हैं।

Update: 2022-08-18 11:18 GMT

Gulzar Birthday (Image Credit-Social Media)

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Gulzar Birthday: हमेशा से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की पहचान रहा हैं यहाँ का गीत संगीत। वहीँ इंडस्ट्री के कई संगीतकार गायक और लेखकों ने गानों में अपनी रूह को इस ख़ूबसूरती से पिरोया जिसने उन गानों को आज भी यादगार बना दिया। ऐसे ही मशहूर लेखनी के मालिक हैं संपूर्ण सिंह कालरा उर्फ गुलज़ार (Gulzar)। जिनका आज जन्मदिन है। उनके अल्फ़ाज़ों ने न सिर्फ प्यार को अलग नाम दिया बल्कि उनका जादू हर मौके पर सभी को मदहोश कर गया। आइये ऐसे ही लफ्जों के जादूगर गुलज़ार साहब की जिंदगी से आपको आज रूबरू करवाते हैं।

गुलज़ार साहब आज अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका नाम आते ही ज़हन में आता है एक ऐसे शख्स का चेहरा जो काफी सादगी के साथ रहता है। एक ऐसा शायर, लेखक, गीतकार, निर्माता, निर्देशक जो बहुमुखी प्रतिभा का धनी है। आइये ऐसे ही शख्स से आपको मुख़ातिब करें जो भले ही लाइमलाइट से दूर रहता हो लेकिन उसके अलफ़ाज़ हमेशा लाइमलाइट रहते हैं। वो खुद जितना शांत रहते हैं उनकी कलम उतना ही दर्द बयां करती है।

पाकिस्तान में जन्मे हैं गुलजार

Gulzar Birthday (Image Credit-Social Media)

 हिन्दुस्तान की पहचान और शब्दों के जादूगर गुलज़ार साहब का जन्म पकिस्तान में हुआ था। उनका असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पंजाब के झेलम में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। आज़ादी के दौरान जब बंटवारा हुआ तब गुलज़ार का पूरा परिवार पकिस्तान से भारत आ गया और अमृतसर में आकर बस गया। लेकिन गुलज़ार का मन वहां नहीं लगा और उन्होंने मुंबई का रुख किया। जहाँ काफी संघर्ष के बाद उन्हें एक अलग पहचान मिली।

इस काम से की शुरुआत

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 मुंबई शहर में जब गुलज़ार आये तो उन्हें शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके पास उस समय कोई काम नहीं था जिससे वो मुंबई जैसे शहर में अपना जीवन यापन कर पाते। ऐसे में उन्होंने एक गैराज में काम करना शुरू किया। खाली समय में वो कवितायेँ लिखते। गुलज़ार की कलम का जादू चला और उन्हें साल 1961 में विमल राय के सहायक के रुप बॉलीवुड में एंट्री मिल गयी। इस दौरान उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी और हेमंत कुमार जैसे दिग्गज निर्देशकों के साथ काम करने का भी अवसर मिला। लेकिन उनको जिस फिल्म से ख्याति मिली वो थी फिल्म बंदिनी जिसका सुपरहिट गाना 'मोरा गोरा अंग लेई ले' गुलज़ार ने लिखा। गुलज़ार को जिस मौके की दरकार थी वो उन्हें मिल चुका था।

पहली नज़र में अपना दिल हार बैठे गुलज़ार

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बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकाराओं में से एक राखी को जब गुलज़ार ने पहली बार देखा तो उन्हें देखते ही उन्हें उनसे प्यार हो गया। दरअसल दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी। इसके बाद दोनों अक्सर मिलने लगे गुलज़ार तो पहले ही राखी पर फ़िदा थे मुलाकातों ने असर किया और राखी को भी गुलज़ार से प्यार हो गया। इसके बाद साल 1973 में दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद राखी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली क्योकि गुलज़ार को राखी फिल्मों में शादी के बाद काम करें ये पसंद नहीं था।

Gulzar Birthday (Image Credit-Social Media)

राखी और गुलज़ार की जुदा हो गयी राहें

शादी के काफी समय बाद राखी ने फिर से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में वापसी करनी चाही क्योकि उन्हें लगा कि फिल्मों से दूरी बनाने का उनका फैसला गलत था जिसकी वजह से दोनों में आये दिन झगडे होने लगे।

Gulzar Birthday (Image Credit-Social Media)

 वहीँ इसी बीच राखी ने अपनी बेटी मेघना को भी जन्म दिया। जिसके बाद लगा था कि रिश्तों में थोड़ा सुधार आएगा लेकिन फिर फिल्म आंधी ने इन दोनों के जीवन में भी आंधी ला दी।

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 दरअसल कश्मीर में 'आंधी' फिल्म की शूटिंग चल रही थी कहा जाता है कि फिल्म की लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन और अभिनेता संजीव कुमार में काफी अन बन चल रही थी। किसी बात से सुचित्रा नाराज़ हो गईं और गुलज़ार उन्हें मनाने उनके कमरे में गए दोनों में काफी देर तक बातचीत हुई इसके बाद जब गुलज़ार उनके कमरे से बाहर निकल रहे थे तभी राखी ने उन्हें देख लिया इस बात को लेकर दोनों में काफी बहस हुई। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने उस समय ये भी दावा किया था कि गुलज़ार ने राखी पर हांथ भी उठाया था। जिसके बाद दोनों की रहे अलग अलग हो गईं थीं। वैसे कई अवसर पर दोनों साथ में दिख जाते हैं लेकिन ये बात भी सच है कि पिछले 44 सालों से गुलज़ार अकेले ही ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं।

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