मुंबई: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की सिमरन, कुछ-कुछ होता है कि टामबॉय अंजली को शायद ही उनके फैंस भूल पाएं और भूलने का सवाल ही नहीं है क्योंकि इन किरदारों को जिस तरह काजोल ने जीवंत बनाया। शायद ही उनके समय की समकालीन कोई एक्ट्रेस कर पाती।
काजोल का नाम उन एक्ट्रेस में शुमार किया जाता है जिन्होंने इस ट्रेंड को बदल दिया कि फिल्मों में एक्ट्रेस केवल शोपीस होती है। फिल्म में उनकी मौजूदगी से उनके फैंस सिनेमा हॉल तक खींचे चले आते थे। शाहरूख खान और अजय देवगन के साथ फिल्मों में उनकी जोड़ी को बहुत पसंद किया गया।
चंचलता और सौम्यता मिश्रण
काजोल का जन्म 5 अगस्त 1974 को मुंबई में हुआ था। उनकी मां तनुजा अपने जमाने की बेहतरीन एक्ट्रेस थी तो पिता सोमु मुखर्जी जाने माने फिल्म प्रोड्यूसर थे। घर में फिल्मी माहौल होने की वजह से एक्टिंग में रुझान होना कोई नई बात नहीं थी। लेकिन जब काजोल ने फिल्मों में कदम रखा और उनकी पहली फिल्म बेखुदी नहीं चली तो लोगों को लगा कि ये सावली सलोनी लड़की बॉलीवुड में ज्यादा नहीं चलने वाली है। पर काजोल ने फिल्म बाजीगर के बाद लोगों का मुंह बंद कर दिया।
साल 1993 में काजोल की सुपरहिट फिल्म बाजीगर प्रदर्शित हुई। फिर क्या काजोल के के सितारे बदल गए। साल 1995 में यश चोपड़ा की ही फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे में काम करने का का मौका मिला जिसने उनकी एक्टिंग लाइफ को बदल दियाय़ ये फिल्म उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई।
ग्रे शेड्स में भी खूब जमी
इसमे उनके शाहरूख खान की जोड़ी को लोगों ने बहुत पसंद किया। मजेदार बात है कि मुंबई के एक हॉल में लगातार 18 साल से ये फिल्म लगी है। इसके बाद 1997 में काजोल को निर्माता-निर्देशक राजीव राय की फिल्म गुप्त में काम किया। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग और ग्रे शेड्स के बहुत तारीफे मिली। पहली बार नेगेटिव रोल करके और एक्ट्रेस के लिए एक ऑप्शन दिया। और इसी साल पहली बार उन्हें बेस्ट नेगेटिव कैरेक्टर का अवॉर्ड मिला। ये अवॉर्ड पहली बार किसी एक्ट्रेस को मिला था।
शाहरूख खान के साथ जमी जोड़ी
1995 में काजोल को यश चोपड़ा की ही फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में काम करने का मौका मिला जो उनके सिने करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई. इसके बाद 1997 में काजोल ने निर्माता निर्देशक राजीव राय की फिल्म 'गुप्त' में काम किया. फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास का पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को यह पुरस्कार दिया गया।
काजोल के करियर की बेहतरीन फिल्मों में है दुश्मन, प्यार तो होना ही था और कुछ कुछ होता है' । इन तीनों फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया।
सुपरमॉम कहे या सुपरस्टार
करियर के टॉप पोजिशन पर काजोल ने अजय देवगन का हाथ थामा था। जब ज्यादातर एक्ट्रेस करियर को चुनती है तब काजोल ने हमसफर को चुना। काजोल ने साल 1999 में कुछ-कुछ होता है कि सफलता के बाद शादी कर ली। उसके बाद कुछ समय के लिए फिल्मों से दूरी बना ली। युग और न्यासा उनके दो बच्चे है। काजोल एक बेहतरीन एक्ट्रेस के साथ सुपरमॉम भी है।
4 बार जीता फिल्मफेयर अवॉर्ड
साल 2001 में फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' से इंडस्ट्री में वापसी की। उसके कुछ समय बाद 2006 में उन्होंने यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म 'फना' के जरिए धमाकेदार वापसी की।और फिर घर परिवार में बिजी हो गई। काजोल को 4 बार बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। 2011 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।