कंगना पर भड़के वरूण गांधी: दिया ऐसा करारा जवाब, अब अपने ही बयान पर ट्रोल हो रही बॉलीवुड क्वीन
Kangana Ranaut Statement : बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत एक निजी चैनल के शिखर सम्मेलन समिट 2021 में अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित हुई थीं।
Kangana Ranaut Statement : हाल ही में कंगना रनौत एक निजी चैनल के शिखर सम्मेलन समिट 2021 में अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित हुई थीं। अपनी इसी उपस्थिति के दौरान कंगना रनौत ने स्वतंत्रता संग्राम और ब्रिटिश राज के बारे में कई बातें कहीं, वहीं इससे इतर अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान (Kangana Ranaut Statement) कि भारत को 1947 में भीख के रूप में स्वतंत्रता मिली थी तथा वास्तविक स्वतंत्रता 2014 में आई है ने बहुत सुर्खियां बटोरी। यकीनन यह एक बेहद ही संवेदनशील बयान है।
यदि कंगना के यह कहना (Kangana Ranaut Statement) है कि हमें 1947 में आज़ादी भीख में मिली थी तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि देश की आज़ादी के लिए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और तमाम देशवाशियों की मेहनत का कोई महत्व नहीं, ना जानें कितने देशवाशियों ने आज़ादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी, क्या उनकी जान का कोई मोल नहीं?
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान
कंगना रनौत के इस बयान (Kangana Ranaut Statement) ने उन्हें सोशल मीडिया पर कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया, अब लोग सोशल मीडिया पर कंगना से उनके इस बयान के लिए सवाल कर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
कंगना के इस बयान के अंतर्गत कई लोगों ने अभिनेत्री को 'भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान' करने के लिए फटकार खरी खोटी भी सुनाई है। कंगना ने अपने वक्तव्य के दौरान वीर सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भी ज़िक्र किया।
शिखर सम्मेलन के दौरान कंगना रनौत ने कांग्रेस को 'अंग्रेजों का विस्तार' कहते हुए आगे विनायक दामोदर सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी शुभाष चंद्र बोस के बारे में बात करते हुए कहा कि ये लोग जानते थे कि हम देश के लिए जो लड़ाई लड़ रहे हैं उसमें खून बहेगा लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए, वे यह जानते थे। बेशक उन्होनें इसके लिए कीमत चुकाई और और इसके पश्चात हमें जो आज़ादी मिली वह आजादी नहीं थी भीख थी। असली आज़ादी तो हमें 2014 में मिली है।
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Bollywood Actress Kangana Ranaut) द्वारा देश की आज़ादी पर की गई इस टिप्पणी पर भाजपा सांसद वरुण गांधी (BJP MP Varun Gandhi) ने गुरुवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि-"कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?"