लखनऊ: अपनी फिल्म 'जय गंगाजल' के प्रमोशन के लिए शुक्रवार को प्रकाश झा लखनऊ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 1090 पर चौपाल लगाई और महिलाओं के बारे में सामजिक सोच और अपने अनुभवों को साझा किया। कहा ''ईश्वर करे आपका पॉवर बढ़ता रहे महिला आधी आबादी नहीं आधा पॉवर हैं''। हमारे समाज में महिला को शुरू से उसकी औकात बताई जाती है। पुरुष प्रधान समाज का पाठ पढ़ाया जाता है।
क्या बोले प्रकाश झा:
-फ़िल्म बनाने के दौरान खाकी में महिला की स्थिति क्या है उसके बारे में जानकारी मिली। इसी के बाद मैंने अपनी फिल्म में महिला आईपीएस के किरदार को चुना।
-फिल्म जय गंगाजल के लिए प्रियंका को एक महीने की ट्रेनिंग करनी पड़ी।
-1090 एक ऐसी जगह हैं जहां लड़कियों की बात सुनी जाती हैं।
-यह एक अच्छी पहल है। यहां तीन साल से महिलाओं के सम्मान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
-हमें बचपन से ही पुलिस के सम्मान का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा यह सिखाया जाए कि कानून तोड़ने वाले की नहीं कानून का संम्मान करने वाले का सम्मान करना चाहिए।
-हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। महिला कांस्टेबल का सम्मान करना चाहिए। किताबों में जांबाज की कहानियां होनी चाहिए।
-बच्चों को पता होना चाहिए की किस तरह से कोई पुलिस विपरीत परिस्थितियों में काम करती है।
क्या बोले 1090 के आईजी :
-पुलिस हमेशा नेगेटिव माहौल में काम करती है लेकिन समाज उसे अच्छी नज़र से नहीं देखता। जरूरत है कि जनता भी पुलिस वालों को इज्जत दे।
सेंसर बोर्ड पर बोले प्रकाश झा :
फ़िल्म में सीन कटने को लेकर अगर कोई समस्या है तो सेंसर बोर्ड के फैसले को चैलेंज ट्रिब्यूनल में किया जा सकता हैं। मैं भी 'जय गंगाजल' के लिए गया।
महिला कांस्टेबल ने पूछे सवाल
एक महिला कांस्टेबल ने पूछा ''कांस्टेबल ही सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं तो आपकी फिल्मों में आईपीएस और अन्य अधिकारी ही लीड रोल में क्यों होते हैं ?'' जवाब में प्रकाश ने कहा, मैं इस पर काम करूंगा। वैसे जय गंगाजल में कांस्टेबल सहित अन्य पुलिस अफसरों के काम को भी दिखाया गया है।
खादी पर प्रकाश की राय
खादी पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रकाश ने कहा, आज एक दागदार आदमी मंत्री बन जाता हैं। वह दस-दस गार्ड के साथ चलता है लेकिन एक पुलिस जवान के घर से जाने का समय होता है पर लौटकर जाने का नहीं।