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होंठो से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो...गाने को जुबां पर लाते ही जो चेहरा याद आता है वो है साधारण सी कद काठी वाले राज बब्बर का है। जिन्होंने अनगिनत हिन्दी फिल्में की, लेकिन उन्हें असली सफलता पॉलिटिक्ल हीरो बनकर ही मिली। तभी तो आज वे राजनीति के सशक्त चेहरा है और अब यूपी की राजनीति में भी उनकी अहम भूमिका रहेगी। वे यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष जो बन गए है। राजनीति और फिल्मों से भी इतर एक और पहलू है उनके जीवन का । वो है उनकी निजी जिंदगी।
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राज-स्मिता
राज बब्बर ने इंसाफ के तराजू से अपनी पहचान बनाई थी। निकाह, प्रेमगीत और आज की आवाज में उनके अभिनय की सराहना की गई थी। आज की आवाज में उन्होंने उस समय की बेहतरीन एक्ट्रेस स्मिता पाटिल के साथ काम किया था। फिल्मों के साथ स्मिता राज बब्बर की रियल लाइफ हीरोइन भी बन गई। उस समय राज शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे भी थे। स्मिता की मां ने उनके और राज को रिश्ते को नकार दिया था, लेकिन सबके खिलाफ दोनों ने साथ रहना शुरू कर दिया।
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लिव- इन में रहें
इन सब के बावजूद स्मिता के प्यार में राज इस कदर खोए की,कि उन्हें जमाने की सुध ना रही और दोनों ने 80 के दशक में लिव-इन में रहना शुरू कर दिया। उस वक्त बिना शादी के मेल-फीमेल का साथ रहना समाज में बहुत बड़ी बात होती थी। इस रिलेशन से राज और स्मिता का एक बेटा प्रतीक बब्बर भी है। जिसके जन्म के बाद स्मिता की डेथ हो गई । स्मिता पाटिल के डेथ के बाद राज बब्बर अपनी पहली पत्नी नादिरा बब्बर के पास वापस चले गए।
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वापस लौटे पहले प्यार के पास
राज बब्बर और स्मिता पाटिल का प्यार परवान चढ़ा और ऐसा माना जाता है कि इन दोनों के अफेयर की वजह से ही नादिरा बब्बर ने अपने पति राज को छोड़ दिया। हालांकि, स्मिता की मौत के बाद वे राज की जिंदगी में वापस लौटीं। राज ने नादिरा बब्बर से शादी की थी जो फेमस थिएटर आर्टिस्ट सज्जाद जहीर की बेटी हैं। नादिरा से उनके दो बच्चे आर्य बब्बर और जूही बब्बर हैं। राज अभी भी फिल्मों में काफी सक्रिय है। कैरेक्टर रोल प्ले करते है।
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अंत में स्मिता से भी बना ली दूरी
कहा जाता है कि शुरू में राज स्मिता के प्यार में कदर बावले थे, लेकिन बाद में उन्होंने दूरी बना ली। बाद में राज ने भी स्मिता को अकेला छोड़ दिया। कहा जाता है कि उनकी मौत की एक वजह राज के साथ रिश्ते में खटास भी था। स्मिता अपने आखिरी दिनों में बहुत अकेला महसूस करती थीं और वे राज की अनदेखी वजह से रिश्ता तोड़ना चाहती थी। शुरू में राज बब्बर और स्मिता लिव इन रिलेशनशिप रहे, और अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर स्मिता से शादी करने का वादा भी किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बाद में वे स्मिता से दूर रहने लगे। कुछ समय तक उन्होंने अपने बेटे प्रतीक को भी नजरअंदाज किया। बाद में जब उन्हें समझा तो प्रतीक उनसे दूर जा चुके थे।
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हिंदी से ज्यादा पंजाबी में कमाया नाम
राज बब्बर ने बहुत फिल्में की और शोहरत कमाई, लेकिन बॉलीवुड में वो मुकाम नहीं हासिल कर पाए, जिसके वे हकदार थे। वे 1977 से पंजाबी और हिंदी फिल्मों में सक्रीय है। पंजाबी में उन्हें हिंदी से ज्यादा पहचान बनी। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के टूंडला में 23 जून 1952 को हुआ था। वो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र रह चुके है। उन्होंने आगरा कॉलेज से स्नातक किया है। उन्होंने थिएटर में अपना काफी समय बिताया है।
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राजनीति में रही सफल शुरुआत
आज भी फिल्मों के साथ राज बब्बर राजनीति में भी सक्रिय हैं। राजनीति में उन्हें कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है। 2013 में नरेंद्र मोदी को अडोल्फ हिटलर के साथ तुलना करने को लेकर विवादों में रहे थे। अक्सर उन्होंने अपनी फिल्मों में नेता और सरकारी अफसरों का रोल अदा किया, जिससे उन्हें अपने राजनीतिक कॅरियर को आगे बढ़ाने में भी सहायता मिली। 14वें लोकसभा चुनाव में वे फिरोजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद चुने गए, किंतु समाजवादी पार्टी से निलंबित होने के बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली और अब यूपी में कांग्रेस पार्टी की बागडोर संभालने की तैयारी में है।
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