आगरा: संगमरमरी ताजमहल के तले, सर्द गुलाबी रात में श्रेया घोषाल की मखमली आवाज जादू ऐसा चला कि आगरावासी देर रात तक झूमते रहे । सिल्वर जुबली शाम का आगाज श्रेया और उनके साथी कलाकर ऋषिकेश राना डे ने किया तो दर्शक खुद को नहीं रोक पाए। वन्स मोर, वन्स मोर के नारे लगाते रहे। भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया, लेकिन वे गाती रही।
महफिल की शमां थमने का नाम नहीं ले रही थी
हर दिल अजीज श्रेया ने जैसे ही 'सुन रहा है न तू रो रही हूं मैं ' सुनाया, महोत्सव में आए युवा दिल इमोशनल हो गए , इसके बाद बेहतरीन गानों उन्होंने सबका दिल जीत लिया।
उन्होंने कई नग्में पेश किए 'कभी बहारा बहारा हुआ दिल पहली बार रे' , 'कभी अगर तुम मिल जाओ जमाना छोड़ देंगे हम' , 'तो कभी जादू है नशा है मदहोशियां हैं ', सुनाया तो लोग स्टेज पर आने की कोशिश करने लगे तब पुलिस के लिए भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया।
मीडिया से बात करते हुए श्रेया ने कहा कि आगरा में प्यार उन्हें पहले भी मिलता रहा है और आगे भी वो इसी तरह आतीं रहेंगीं। उन्होंने कहा कि जितने भी पुराने लीजेंड सिंगर है वो उनके आदर्श हैं और नई पीढ़ी वे अर्जित सिंह को अच्छा सिंगर मानती हैं। फिल्मों आने के सवाल पर कहां कि ऑफर तो बहुत आए मगर वे संगीत के साथ खुश हैं।