Shyam Benegal Death : नौ दिन पहले मनाया था 90वां जन्मदिन, सबसे ज्यादा आठ बार नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड
Shyam Benegal Death : प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक श्याम बेनेगल नहीं रहे। 90 साल की उम्र में आज उनका मुंबई में निधन हो गया।
Shyam Benegal Death : प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक श्याम बेनेगल नहीं रहे। 90 साल की उम्र में आज उनका मुंबई में निधन हो गया। नौ दिन पहले गत 14 दिसंबर को ही उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। भारतीय सिनेमा को बुलंदी पर पहुंचाने में श्याम बेनेगल की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती रही है। उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 2005 में उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड दिया गया था।
उन्होंने भारतीय फ़िल्म जगत को कई बेहतरीन कलाकार दिए जिनकी अदाकारी ने लोगों के दिलों में गहरी पैठ बनाई। श्याम बेनेगल के योगदान को इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि उन्होंने सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड बनाया। अपने फ़िल्मी कॅरियर के दौरान उन्हें आठ बार इस महत्वपूर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारतीय सिनेमा को दिए कई बेहतरीन कलाकार
दिग्गज फिल्ममेकर श्याम बेनेगल लंबे समय से किडनी संबंधी दिक्कतों से परेशान थे। उनकी बेटी पिया बेनेगल ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि आज शाम करीब 6:38 बजे मुंबई के अस्पताल में उनका निधन हो गया। भारतीय सिनेमा को बेहतरीन कलाकार देने के लिए श्याम भी निकाल को हमेशा याद किया जाएगा।
उन्होंने भारतीय सिनेमा को जो बेहतरीन कलाकार दिए उनमें नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी, अनंत नाग, ओम पुरी, स्मिता पाटिल, शबाना आजमी और सिनेमेटोग्राफर गोविंद निहलानी प्रमुख हैं। श्याम बेनेगल के निर्देशन में इन सभी कलाकारों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिला और बाद के दिनों में उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी कामयाबी का झंडा गाड़ा।
भारतीय सिनेमा को बेनेगल का बड़ा योगदान
अपने लंबे फिल्मी कॅरियर के दौरान दिग्गज फिल्ममेकर श्याम बेनेगल ने 24 फिल्म में बनाईं। इन फिल्मों के अलावा उन्होंने 45 डॉक्यूमेंट्री और 15 एड फिल्में भी बनाईं। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और प्रसिद्ध फिल्मकार सत्यजीत रे पर बेनेगल की डॉक्यूमेंट्री को आज भी याद किया जाता है। भारतीय दूरदर्शन के लिए भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण सीरियल बनाए जिनमें यात्रा, कथा सागर और भारत एक खोज विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
अंकुर फिल्म से मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
श्याम बेनेगल ने 1974 में अपनी पहली फिल्म अंकुर बनाई थी। इस फिल्म में आंध्र प्रदेश के किसानों का मुद्दा उठाया गया था और इस फिल्म ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इस फिल्म के जरिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी। शेख मुजीबुर रहमान की जिंदगी पर आधारित फिल्म मुजीब- द मेकिंग ऑफ़ ए नेशन उनकी आखिरी फिल्म थी जिसे पूरा करने में उन्हें दो साल का वक्त लगा था।
बेनेगल को मिले कई बड़े सम्मान
अपने फ़िल्मी कॅरियर में श्याम बनाकर ने कई बड़े सम्मान हासिल किया। फिल्म जगत में उनके योगदान के लिए 1976 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था और फिर 1991 में उन्हें पद्मभूषण सम्मान दिया गया।
उनके नाम सबसे ज्यादा आठ नेशनल अवॉर्ड जीतने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। भारतीय सिनेमा के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए 2005 में उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड दिया गया था।
फोटोग्राफी के शौकीन थे बेनेगल
फिल्म के क्षेत्र में कदम रखने से पहले श्याम बेनेगल को फोटोग्राफी का काफी शौक था। उन्होंने 12 साल की उम्र में ही अपने पिता श्रीधर बी.बेनेगल के लिए कैमरे पर अपनी पहली फिल्म बनाई थी। 9 दिन पहले 14 दिसंबर को उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नसीरुद्दीन शाह, दिव्या दत्ता, शबाना आजमी, रजित कपूर, अतुल तिवारी और एक्टर शशि कपूर के बेटे कुणाल शामिल हुए थे। उनके बर्थडे के जश्न की तस्वीर बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की थी, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी।
भारतीय सिनेमा में नई लहर लाए बेनेगल
उनके निधन की खबर सुनते ही भारतीय सिने जगत में उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। प्रसिद्ध कलाकार शेखर कपूर ने कहा कि भारतीय सिनेमा में नई लहर लाने के लिए श्याम बेनेगल को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने अंकुर और मंथन जैसी कई फिल्मों के साथ भारतीय सिनेमा की दिशा ही बदल दी।
उन्होंने स्मिता पाटिल और शबाना आदमी जैसे कलाकारों को स्टार बनाया। इला अरुण ने कहा कि श्याम बेनेगल के निधन की खबर से मैं स्तब्ध और टूट गई हूं। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं अपने पिता को खो दिया।